Kotputli News: राजस्थान के कोटपूतली में बच्ची को बोरवेल में गिरे 5 दिन से अधिक समय बीत चुका है। अभी तक प्रशासन बच्ची का रेस्क्यू नहीं कर सका है। 3 साल की बच्ची चेतना को बचाने के लिए हरसंभव कोशिशें की जा रही हैं। अब बोरवेल के साथ पाइलिंग मशीन से करीब 170 फीट का गड्ढा खोदा गया है। रैट माइनर्स पाइप के जरिए इसमें उतरेंगे। बाद में 20 फीट की लंबी सुरंग खोदी जाएगी। अब तक बच्ची को बचाने के लिए जितनी भी प्लानिंग प्रशासन ने की, कामयाबी नहीं मिल सकी है।
यह भी पढ़ें:फील्डिंग करते समय मैदान में क्रिकेटर की मौत, जयपुर में पूर्व रणजी खिलाड़ी के साथ हादसा
बता दें कि किरतपुर के बड़िया ढाणी की बच्ची सोमवार को सोमवार को 700 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी। बच्ची 150 फीट जाकर अटकी गई थी। प्रशासन की टीमें मौके पर डटी हैं और फिलहाल बच्ची को 30 फीट ऊपर लाया जा सका है। बच्ची 90 घंटे से भूखी प्यासी है। सूत्रों के अनुसार बच्ची मूवमेंट नहीं कर रही है। अधिकारी भी ज्यादा कुछ नहीं बता पा रहे।
यह भी पढ़ें:Namo Bharat Train के चलने की तारीख और 3 रूट तय, नोएडा आना-जाना आसान
मंगलवार शाम तक बच्ची को निकालने में सफलता नहीं मिलने पर आधुनिक मशीनों से खुदाई शुरू की गई थी। परिजन और गांव के लोग प्रशासनिक अधिकारियों पर देरी और लापरवाही जैसे आरोप लगा रहे हैं। अब नई खुदाई करके सुरंग के जरिए बच्ची को बचाने की तैयारियां की जा रही हैं। फिलहाल बच्ची के परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। बच्ची की मां लगातार बेहोश ही रही है।
Rajasthan: In the Kotputli Rescue Operation Chetna, the team has reached near the child after 70 hours, but the administration remains silent regarding her health. No updates have been provided, and villagers have been cleared from the site pic.twitter.com/wBtKyoMbTo
— IANS (@ians_india) December 26, 2024
बारिश की वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें
पाइपों को जोड़ने का काम फिलहाल चल रहा है। वहीं, बारिश की वजह से भी रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी हो रही है। गुरुवार रात को बूंदाबांदी के कारण बोरवेल को ढका गया था। क्रेन की मदद रेस्क्यू ऑपरेशन में ली जा रही है। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द चेतना को बचा लिया जाएगा। रेस्क्यू टीमों की कोशिश है कि जल्द से जल्द बच्ची को निकाल लिया जाए। बारिश के कारण रेस्क्यू में देरी हो रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कर्मचारी तिरपाल ढककर काम कर रहे हैं।