जोधपुर से लोकेश व्यास की रिपोर्टः अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व विधायक अल्का लाम्बा शनिवार को जोधपुर पहुंची। जहां उन्होंने मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर प्रेस वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने केन्द्र में भाजपा के 9 साल पूरे होने पर 9 सवाल उठाते हुए एक बुक का विमोचन किया। अल्का लाम्बा ने दिल्ली में कल हो रहे संसद का उद्धाटन राष्ट्रपति के हाथों नही करवाने का भी विरोध किया।
प्रेस वार्ता के दौरान पूछे ये 9 सवाल
1. अर्थव्यवस्था
ऐसा क्यों है कि देश में महंगाई और बेरोज़गारी आसमान छू रही है? क्यों अमीर और अमीर हुए हैं और गरीब और गरीब ? सार्वजनिक संपत्तियों को मोदी जी के मित्रों को क्यों बेचा जा रहा है? आर्थिक विषमताएं क्यों बढ़ रही हैं?
2014 के बाद से सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हुई है, जबकि इस अवधि में कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से 70 डॉलर प्रति बैरल गिर गई हैं। युवा बेरोजगारी 30-40% तक बढ़ गई है।
वहीं गरीबों के लिए वेतन वृद्धि निगेटिव रही है। यह एक विनाशकारी रिकॉर्ड है। नोटबंदी और जीएसटी ने काले धन को तो खत्म नहीं किया उल्टा छोटे व्यवसायों को नष्ट कर दिया। हाल ही में घोषित नोटबंदी 2.0 ने आपकी सरकार के बेरहम दृष्टिकोण की याद को ताजा कर दिया है।
2. कृषि और किसान
ऐसा क्यों है कि काले कृषि कानूनों को रद्द करते समय किसान संगठनों के साथ हुए समझौतों को अभी तक लागू नहीं किया गया है? MSP की गारंटी क्यों नहीं दी गई? पिछले 9 सालों में भी किसानों की आय क्यों दोगुनी नहीं हुई?
कृषि को अपने चुने हुए मित्रों के हवाले करने के आपके प्रयास को एक व्यापक किसान आंदोलन ने विफल कर दिया। फिर भी आपकी सरकार फसलों के लाभकारी मूल्य निर्धारण के लिए किसानों की प्रमुख मांग को ठुकरा रही है।
एक किसान की औसत आय 27 रुपये प्रतिदिन है, जबकि कृषि वस्तुओं पर जीएसटी ने हमारे अन्नदाताओं पर बोझ और बढ़ा दिया है। साथ ही उर्वरक जैसी वस्तुओं पर सब्सिडी में भी कटौती की गई है।
3. भ्रष्टाचार /मित्रवाद
ऐसा क्यों है कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए LIC और SBI में जमा जनता के खून पसीने की कमाई को दाव पर लगा दिया? आप चोरों को क्यों भागने दे रहे हैं? आप भाजपा शासित राज्यों में हुए भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं और क्यों देशवासियों को कष्ट झेलने को मजबूर कर रहे हैं?
मोदानी मेगा स्कैम से सामने आया कि कैसे एलआईसी और एसबीआई जैसी राष्ट्रीय संपत्ति अडानी जैसी जोखिम भरी कंपनियों में निवेश करने और उसे ऋण देने के लिए करोड़ो पॉलिसी धारकों और जमाकर्ताओं की बचत को जोखिम में डाल रही है। अडानी का एकाधिकार बिजली और उड़ानों के लिए उच्च कीमतों में योगदान दे रहा है।
रिसर्च से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एकाधिकार महंगाई को बढ़ा रहा है। इस बीच, आपके करीबी डिफॉल्टर्स और स्कैमर्स को उनकी चोरी की संपत्ति के साथ भागने की अनुमति दी जाती है और जो लोग आपकी पार्टी में शामिल होते हैं, उन्हें मोदी वाशिंग मशीन द्वारा साफ किया जाता है।
4. चीन और राष्ट्रीय सुरक्षा
ऐसा क्यों है कि चीन को लाल आंख दिखाने की बात करने वाले प्रधानमंत्री ने उसे 2020 में क्लीन चिट दे दी, जबकि वह आज भी हमारी जमीन पर कब्जा करके बैठा है? चीन के साथ 18 बैठकें हुई हैं, फिर भी वह क्यों आक्रमक रवैया अपनाते हुए हमारी पवित्र भूमि से वापस नहीं जा रहा है?
2020 से चीन द्वारा नियंत्रित 1,500 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर आपकी चुप्पी राष्ट्रीय सुरक्षा के मोर्चे पर आपकी विफलता को इंगित करती है। यहां तक कि जब चीन अधिक आक्रामक हो रहा है और हमारी संप्रभुता को लेकर अनुचित मांग रखता है, तब भी सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
आपकी सरकार के सत्ता में आने के नौ साल बाद भी कोई राष्ट्रीय सुरक्षा नीति नहीं है। रक्षा खर्च कई दशकों के निचले स्तर पर है। ये कारण अलोकप्रिय अग्निपथ योजना जैसे विनाशकारी कदमों की ओर ले जाते हैं, जो प्रशिक्षण मानकों को कम करके और यूनिट की एकता को खतरे में डालते हैं। साथ ही इससे हमारे सशस्त्र बलों को कमजोर होने का जोखिम रहता है।
5. सामाजिक सद्भाव
ऐसा क्यों है कि आप चुनावी फायदे के लिए जानबूझकर बंटवारे की राजनीति को हवा दे रहे हैं और समाज में डर का माहौल बना रहे हैं? नागरिकता संशोधन अधिनियम और नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर ने धर्म के आधार पर भेदभाव करने की कोशिश की, भले ही सभी धर्मों के नागरिकों ने प्रशासनिक गड़बड़ी की कीमत चुकानी पड़ी हो।
COVID-19 महामारी के दौरान देश के गरीबों को राहत देने में मनरेगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद, आपने कभी भी यूपीए के समय की इन महत्वपूर्ण योजनाओं पर भरोसा नहीं जताया। यहां तक आपने संसद में मनरेगा का मजाक भी उड़ाया।
आपकी पार्टी के सदस्यों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और कमजोर वर्गों के खिलाफ हिंसा को अड़काया। इससे कारण 2014 के बाद से नफरत से संबंधित अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है।
आप चुनावी लाभ के लिए विभाजन को प्रोत्साहित करते हैं और हिंसा की उन घटनाओं पर अक्सर चुप रहते हूँ जो उग्र हो जाती हैं। दिल्ली, मणिपुर और अन्य स्थानों पर हिंसा के मामलों में आपने ऐसा ही किया।
6. सामाजिक न्याय
ऐसा क्यों है कि आपकी दमनकारी सरकार सामाजिक न्याय की नींव को ध्वस्त कर रही है? महिलाओं. दलितों, SC, ST, OBC और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर आप चुप क्यों है? जाति जनगणना की मांग को क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं?
2014 के बाद से दलितों के खिलाफ अत्याचारों में 23% की वृद्धि हुई है। ये आंकड़े दलितों के प्रति आपके प्रेम को दिखाने के लिए काफी है। जातिगत जनगणना या 2011 की सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना के आंकड़े जारी करने से इंकार करना दर्शाता है कि आप ओबीसी सशक्तिकरण को लेकर कितने गंभीर हैं।
वन अधिकार अधिनियम को कमजोर करना आदिवासी समुदाय के प्रति आपकी संवेदनहीनता को दिखाता है। आपने धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए बहुत जरूरी छात्रवृत्ति कम कर दी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध 2013 में 3.1 लाख से बढ़कर 2021 में 4.2 लाख हो गए हैं।
7. लोकतांत्रिक संस्थाएं
ऐसा क्यों है कि पिछले 9 सालों में संवैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया गया है? विपक्षी दलों और नेताओं के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई क्यों की जा रही है? क्यों जनता द्वारा चुनी हुई विपक्षी दलों की कई सरकारें गिराई गई?
अरुणाचल प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और मणिपुर में धन-बल का दुरुपयोग करके चुनी हुई सरकारों को गिराना लोकतंत्र के प्रति आपके सम्मान को दर्शाता है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
2014 के बाद से सीबीआई और ईडी के 95% मामले उन राजनेताओं के ख़िलाफ हैं, जो विपक्षी दलों के हैं। जब से आप प्रधान मंत्री बने हैं, संसद की बैठक के दिन लगातार कम हो रहे हैं, जैसे जब आप गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब विधानसभा की बैठक भी कम होती थी।
8. जनकल्याण की योजनाएं
ऐसा क्यों है कि बजट में कटौती करके मनरेगा जैसी जन कल्याण की योजनाओं को कमज़ोर किया गया? ग़रीब, आदिवासी एवं जरूरतमंदों के सपनों को क्यों कुचला जा रहा है?
9. कोरोना मिसमैनेजमेंट
ऐसा क्यों है कि कोरोना के कारण 40 लाख लोगों की मौत के बाद उनके परिवारों को मुआवजा देने से मना कर दिया गया? क्यों अचानक लॉकडाउन करके लाखों कामगार साथियों को घर जाने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया?
आपकी सरकार ने कोविड- 19 को लेकर राहुल गांधी की शुरुआती चेतावनियों को नज़रअंदाज़ किया। फिर जब हालात बिगड़े तब दुनिया का सबसे सख्त लॉकडाउन लगाया गया। जिससे हमारी तिमाही जीडीपी 21% गिर गई और एक खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया। 4 करोड़ प्रवासी श्रमिक भाई-बहन सड़कों पर आ गए।
पहली लहर के बाद समय से पहले ही जीत की घोषणा कर दी गई। इस वजह से विनाशकारी दूसरी लहर के लिए ठीक से तैयारी नहीं हुई और भारत गंभीर रूप से प्रभावित हुआ। WHO के अनुसार पर्याप्त ऑक्सीजन, दवाइयों और हॉस्पिटल बेड्स की कमी के कारण भारत में COVID-19 से सबसे अधिक 47 लाख लोगों की मौत हुई है।
इस बीच आपकी सरकार ने आंकड़ों में हेराफेरी की। यह दावा किया गया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई है। साथ ही ये भी कहा गया कि इसकी कोई जानकारी नहीं है कि महामारी में कितने प्रवासी, पुलिस कर्मी और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स मारे गए।
प्रेस वार्ता के दौरान राजेंद्र सिंह सोलंकी, कुंती देवड़ा परिहार, सलीम खान, नरेश जोशी, संगीता बेनीवाल, अयूब खान, अनिल टाटिया, शैलजा परिहार, भाकरराम विश्नोई, कीर्ति सिंह भील, विजयलक्ष्मी पटेल उपस्थित रहे।