जोधपुर जिले के खिंदाकौर गांव में उस समय हंगामा मच गया, जब अंतिम यात्रा के दौरान मधुमक्खियों ने कहर बरपा दिया। हालत यह हो गई कि लोग बीच रास्ते में शव छोड़ खुद की जान बचाने के लिए भाग पड़े। इसके बाद तो फिल्मी सीन जैसा नजारा देखने को मिला। न मंत्रोच्चार, न आंसू, बस चारों तरफ भगदड़ और चीख-पुकार सुनाई दे रही थी।
शवयात्रा पर मधुमक्खियों का अटैक
बताया जा रहा है कि घटना बुधवार को हुई है। गांव में किसी व्यक्ति का निधन हुआ था और परिजन अंतिम संस्कार के लिए शमशान घाट जा रहे थे। लगभग पूरा गांव शव यात्रा में शामिल था, लेकिन जैसे ही शवयात्रा एक पेड़ के पास पहुंची, अचानक वहां मौजूद मधुमक्खियों का बड़ा झुंड उन पर टूट पड़ा।
अर्थी छोड़कर भागे लोग
कुछ ही पलों में माहौल मातम से चीखों में बदल गया। मधुमक्खियां से बचने के लिए जिसने जो पाया, ओढ़ा और वहां से भागा। कोई चादर ओढ़कर झाड़ियों में जा छिपा तो कोई प्लास्टिक की थैलियां ओढ़कर भागता नजर आया। हालत ऐसी हो गई कि लोग शव वहीं छोड़ कर भाग खड़े हुए। कई लोगों को दर्जनों मधुमक्खियों ने काट लिया।
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प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि मधुमक्खियों का यह हमला अचानक और बेहद खतरनाक था। बुजुर्ग ने बताया कि हम तो शांतिपूर्वक अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे। मधुमक्खियों ने हमें जीते जी मार डाला। प्राथमिक उपचार के लिए कई लोग अस्पताल पहुंच गए, उनका इलाज किया गया। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे पेड़ों की पहचान की जाए, जहां मधुमक्खियों का बसेरा है और उन्हें हटाया जाए। बहरहाल, कुछ घंटों बाद जब मधुमक्खियां शांत हुईं, तब जाकर दोबारा अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू की गई।
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मधुमक्खियां भले ही पर्यावरण के लिए जरूरी हों, लेकिन जब हमला करती हैं तो सारा वातावरण हिला देती हैं। जोधपुर के खिंदाकौर में यही हुआ, जहां मौत पर मातम के बीच मच गया ऐसा कोहराम कि लोगों को जान बचाना मुश्किल हो गया।