Sonam Wangchuk Jodhpur Central Jail detention reasons 2025: राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को यहां रखा गया है. सोनम को यहां हाई सिक्योरिटी जेल में पूरी सुरक्षा के बीच रखा गया है। उनकी बैरक में अधिकारियों समेत अन्य जेल स्टाफ की लिमिटेड मूवमेंट है.
सोनम वांगचुक को बीते दिनों राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया हैं. वह लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर थे. इस बीच हिंसक प्रदर्शन हुआ और उन्हें अपना अनशन तोड़ना पड़ा. बता दें हिंसा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. फिलहाल नेपाल में माहौल तनावपूर्ण बने हुए हैं. लद्दाख में कर्फ्यू लगा हुआ है. वहां सोनम के समर्थक न्याय की मांग कर रहे हैं.
सोनम वांगचुक को जोधपुर ले जाने के लिए पीछे ये हैं कारण
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने सोनम पर भड़काऊ भाषण देने और लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है. उनकी NGO की विदेशी फंडिंग भी रोक दी गई है. प्रशासन का कहना है कि सोनम को जोधपुर ले जाने के लिए पीछे सुरक्षा कारण है. आइए जानते हैं जोधपुर की जेल की दीवारों के पीछे अभी कौन-कौन नामी चेहरे कैद हैं, उनके अपराध क्या हैं और यहां की सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है.
स्वामी आशाराम बापू के पास है सोनम का बैरक, कभी चलता था लॉरेंस बिश्नोई का ‘सिक्का’
सोनम वांगचुक के अलावा जोधपुर सेंट्रल जेल में कई हाई-प्रोफाइल कैदी बंद हैं. ये देश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार है,वर्तमान में यहां बंद सबसे चर्चित नाम स्वामी आशाराम बापू का है. उन्हें 2018 में नाबालिग लड़की से रेप केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके अलावा जेल में बड़ी संख्या में अन्य कैदी हैं जो राजस्थान और पड़ोसी राज्यों के कई गंभीर अपराधी शामिल हैं. बता दें जेल में इससे पहले गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई भी बंद था, जो वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में है. जब लॉरेंस यहां बंद था तो उसकी जेल में तूती बोलती थी.
जोधपुर जेल है ‘अभेद्य किला’, 2010 में लगा था ये ‘दाग’
सुरक्षा की बात करें तो जोधपुर जेल ‘अभेद्य किला’ है. यहां ऊंची दीवारें, सीसीटीवी नेटवर्क और इलेक्ट्रॉनिक फेंसिंग जेल की सुरक्षा को पुख्ता करती हैं. सोनम को विशेष वाहन और पुलिस एस्कॉर्ट में जेल में लाया गया था. जेल के इतिहास पर नजर डालें तो यहां 2010 में एक कैदी ने जेलर की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से जेल में सुरक्षा प्रोटोकॉल सख्त किए गए हैं. अब सोनम वांगचुक के चलते जेल को राजनीतिक रंग चढ़ा हुआ है.
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