Jaipur News: राजस्थान में बेरोजगारों के हक की लड़ाई लड़ रहे उपेन यादव की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई है। वे एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। वहीं उनकी हालत को देखते हुए डाॅक्टर चिंतित है, लेकिन सरकार की ओर से अभी उनके अनशन को तुड़वाने के कोई प्रयास नहीं हुए हैं।
उनकी गंभीर हालत को देखते हुए कमिश्नर के आदेश पर डिप्टी मनोज कुमार थाना इंचार्ज नवरत्न के साथ एसएमएस अस्पताल पहुंचे। डिप्टी एसपी ने बताया कि पुलिस के उच्च अधिकारियों के माध्यम से सरकार से वार्ता करवाई जाएगी।
उपेन ने इलाज लेने से किया इंकार
अस्पताल में डॉक्टरों के बार-बार कहने के बावजूद भी उपेन यादव ने इलाज लेने से इनकार कर दिया है। उधर अस्पताल के रोगी जांच रजिस्टर में उपेन यादव रोज लिखते हैं कि मैं मेरी मर्जी से इलाज नहीं ले रहा हूं, मेरे साथ कुछ अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी। आईसीयू में भर्ती होने बावजूद उपेन ना तो कोई दवाई ले रहे हैं और ना ही ब्लड की जांच करवा रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक उपेन की हालत अब खतरे में है। उनका शूगर लेवल 50 पहुंच गया है और किटॉन्स भी बढ़ गए हैं।
रात को शुगर लेवल 50 आ गया था और कोटोन्स भी बढ़ गए थे रात को कैसे जैसे उपेन भाई की जान बची है ll
और आज सुबह फिर से उपेन भाई ने लिखित में दे दिया है कि मैं उपचार नहीं लूंगा और कुछ अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार होगी l
By-हर्ष@ashokgehlot51 @RajCMO ,@RajGovOfficial pic.twitter.com/EjidwaWT61---विज्ञापन---— Upen Yadav (मोदी का परिवार) (@TheUpenYadav) March 9, 2023
एक महीने से त्याग रखा है अन्न
बता दें कि उपेन यादव ने पिछले कई दिनों से अन्न त्याग रखा है। वहीं 3 मार्च से उन्होंने पानी भी त्याग दिया था। उनकी तबीयत में लगातार गिरावट हो रही थी। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपेन यादव ने आरपीएससी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे बेरोजगारों पर लाठीचार्ज करने वाले एसएचओ को निलंबित करने और बेरोजगारों पर दर्ज मुकदमा वापस करवाने की मांग कर रहे हैं।
आरपीएससी कार्यालय के बाहर किया था प्रदर्शन
फरवरी में अजमेर में प्रदर्शन कर रहे बेरोजगारों को पुलिस ने डंडे मारकर खदेड़ दिया था। इस दौरान राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव समेत एक युवक को गिरफ्तार भी किया गया। दरअसल, बेरोजगार युवा अपनी मांगों को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे।
बेरोजगारों की मांग थी कि पेपरलीक मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही स्कूल लेक्चरर एग्जाम का रिजल्ट जारी किया जाए। युवाओं ने हंगामा कर दिया। इस दौरान सिविल लाइंस एसएचओ ने युवाओं को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इससे कई बेरोजगार युवकों के हल्की चोटें आई।