Jaipur News: सीएम अशोक गहलोत ने संजीवनी मामले में एक बार फिर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा है। सीएम ने अपने आवास पर होली से एक दिन पहले संजीवनी घोटाले के पीड़ितों से मुलाकात की थी। जहां पीड़ितों ने अपना दुख सीएम के साझा किया था।
सीएम ने ट्वीट कर कहा कि संजीवनी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी घोटाले के हर आरोपी को जेल भेजेंगे। सीएम ने सिलसिलेवार तरीके से शेखावत पर निशाना साधते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
अपनी और अपने पिता की पेंशन संजीवनी घोटाले में फंस जाने पर बेटे की शादी के लिए पैसों की किल्लत से जूझ रहे एक पीड़ित की आपबीती।
घोटाले के दोषियों ने सचमुच सक्षम और खुद्दार लोगों को भी मजबूरी की खाई में धकेल दिया। राज्य सरकार इन दोषियों को सजा दिला कर रहेगी। pic.twitter.com/t2FgBSBdeZ
---विज्ञापन---— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2023
धोखाधड़ी का खेल परत-दर-परत सामने आ रहा
सीएम ने कहा कि सरकार पीड़ितों के साथ है। परिवार, रिश्तेदारों और समाज में सर उठा के चलने वाले ये लोग आज आंखे नीची करके जीने को मजबूर हैं। इनकी बदकिस्मती इन्हें अभावों के नाखूनों से भी नाेंच रही है। गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि नफा और राहत के नाम पर लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर संजीवनी में खेला गया धोखाधड़ी का खेल परत-दर-परत सामने आ रहा है।
पैसों को ठगना, भरोसा तोड़ना और असंवेदनशीलता के साथ जिंदगियों से खिलवाड़ करना। संजीवनी की हर एक कहानी फरेबियों के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा बयां कर रही है।
सरकार इन जालसाजों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुंचाएगी। pic.twitter.com/DsJBsgjaD0
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 10, 2023
लोगों के गम को मरहम लगाने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। घोटाले में बेईमानी का ऐसा तंत्र विकसित किया कि न सिर्फ निवेशक बल्कि एजेंट्स को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जनधन की लूट के समूचे तंत्र के सूत्रधार और हर सहयोगी को प्रदेश सरकार उनके सही अंजाम तक पहुंचाएगी।
अन्नदाताओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध
गहलोत ने आगे लिखा कि न्याय की इस लड़ाई में हर कदम पर प्रदेश सरकार पीड़ितों के साथ रहेगी। गहलोत ने लिखा- हमारे किसान भाई सर्दी-गर्मी में दिन रात मेहनत करके पैसा कमाते हैं। अपनी जरूरतों के लिए उन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई संजवनी में लगाई, लेकिन धोखाधड़ी के चलते आज वे दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं। हम इन अन्नदाताओं को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।