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राजस्थान

Rajasthan: कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का मालिक फरार, दवा के सैंपल भी नष्ट करने की कोशिश

राजस्थान के कई जिलों में खासी के सिरप की वजह से तांडव मच गया है. जहां कई बच्चों की मौत हो गई वहीं कई बच्चे अभी भी बीमार हैं. दरअसल, केयसंस फार्मा लिमिटेड की खांसी की दवा की वजह से बच्चों की जान चली गई. जबकि इस कंपनी के पास केवल लिक्विड सेक्शन, कैप्सूल और टेबलेट बनाने का लाइसेंस है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Versha Singh Updated: Oct 2, 2025 18:24

Rajasthan Cough Syrup News: राजस्थान के कई जिलों में खासी के सिरप की वजह से तांडव मच गया है. जहां कई बच्चों की मौत हो गई वहीं कई बच्चे अभी भी बीमार हैं. दरअसल, केयसंस फार्मा लिमिटेड की खांसी की दवा की वजह से बच्चों की जान चली गई. जबकि इस कंपनी के पास केवल लिक्विड सेक्शन, कैप्सूल और टेबलेट बनाने का लाइसेंस है. कंपनी केयसंस फार्मा लिमिटेड के जयपुर के सरना डूंगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित इस कंपनी की फैक्ट्री पर ताले लग गए हैं. फैक्ट्री मालिक सहित कोई कर्मचारी गायब है.

कफ सिरप से बच्चों की मौत

कफ सिरप के कारण मासूम बच्चों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग पर भी कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. जयपुर की केयसंस फार्मा कंपनी द्वारा निर्मित इस सिरप के सेवन से भरतपुर और सीकर जिलों में दो बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 11 अन्य बच्चे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए.

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यह सिरप सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा योजना के तहत बांटी जा रही थी. बच्चों में उल्टी, बेचैनी और कई घंटों तक बेहोशी जैसे लक्षण देखे गए. इस हादसे के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मचा हुआ है. सवाल उठ रहे हैं कि ऐसी घातक दवा अस्पताल तक कैसे पहुंची और दोषियों पर तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?

कंपनी मालिक फरार

जांच में सामने आया कि कंपनी के मालिक वीरेंद्र कुमार गुप्ता जयपुर के बनी पार्क इलाके के निवासी हैं. फैक्ट्री का संचालन और गुणवत्ता की जिम्मेदारी जनरल मैनेजर देवल कुमार गुप्ता के पास थी. बच्चों की मौत के कई दिन बाद भी इनके खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं हुई. सूत्रों के अनुसार, मालिक कार्रवाई से पहले ही फरार हो चुका है. यह सवाल उठता है कि क्या उसे किसी का संरक्षण मिला हुआ है?

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यह भी पढ़ें- छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 6 बच्चों की मौत, 2 दवा पर बैन, सामने आई ये वजह

सरकार ने जांच के लिए भेजे सैंपल

राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत मामले को लेकर राजस्थान सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खिमसर ने कहा कि सरकार ने जांच के लिए नमूने भेज दिए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री सिंह ने कहा, ‘जब तक लैब टेस्ट न हो जाए, यह कहना जल्दबाजी होगी कि खांसी के सिरप में जहर है. लैब टेस्ट में तीन दिन लगेंगे और हम एक से ज़्यादा प्रयोगशालाओं से परीक्षण करवा रहे हैं’.

पहले भी बैन हो चुकी है कंपनी

राजस्थान में बच्चों के लिए जानलेवा दवा बनाने वाली कंपनी की एक दवा को पहले भी राजस्थान में एक साल के लिए बैन किया जा चुका है. राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम (RMSC) ने जयपुर के सरना डूंगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित केयसंस फार्मा लिमिटेड की खांसी की सिरप को एक साल के लिए बैन कर दिया था. निगम की अनुशासनात्मक समिति ने पाया कि कंपनी ने अमानक गुणवत्ता की दवा सप्लाई की थी.

छिंदवाड़ा में भी हुई कफ सिरप से मौत

मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के कोयलांचल इलाके में जानलेवा कफ सिरप पीकर बच्चों की मौत हो रही हैं. यहां अब तक छह मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है. इस घटना से हड़कंप मचने के बाद से बच्चों की मौत का कारण ढूंढा गया तो जांच में कफ सिरप को जिम्मेदार पाया गया. इन दवाओं के सेवन से बच्चों की किडनी खराब हो रही है. दरअसल, जिन बच्चों को सर्दी-खांसी की शिकायत होती थी, उन्हें ये सिरप दिया जा रहा था. इससे ही उनकी मौत हुई है. भोपाल में भी 2 दवा पर बैन लगा दिया गया है.

भोपाल में बैन 2 कफ सिरप

भोपाल में भी स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट मोड पर काम करते हुए 2 कफ सिरप को बैन कर दिया है. प्रशासन ने कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रॉस डीएस कफ सिरप के बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि भोपाल में दोनों कफ सिरप प्रतिबंधित रहेंगे. इन दवाओं की सप्लाई भोपाल के स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं होती है. इसके लिए भोपाल के निजी मेडिकलों में भी अभियान चलाए जाएंगे.

First published on: Oct 02, 2025 06:24 PM

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