Coal scam in Rajasthan: राजस्थान में काला सोना में काले खेल का खुलासा हुआ है। राजस्थान पुलिस की सीआईडी क्राइम ब्रांच ने सिरोही जिले में एक बड़े अंतरराज्यीय कोयला घोटाले का पर्दाफाश किया है। यहां अमेरिका से असली कोयला आता था, लेकिन गिरोह के सदस्य असली कोयला निकालकर नकली ब्लैक डस्ट मिला देते थे। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह ट्रक चालकों को मोटी रकम का लालच देकर विदेशी कोयले की चोरी करता था। उसमें घटिया क्वालिटी का डस्ट कोयला मिलाकर उसे सीमेंट और स्टील फैक्ट्रियों में सप्लाई कर रहा था। इससे न केवल इन फैक्ट्रियों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था, बल्कि बड़े स्तर पर इंडस्ट्री की क्वालिटी खराब हो रही थी। पुलिस ने 1 आरोपी को गिरफ्तार किया है। साथ ही मौके से भारी मात्रा में सामान जब्त किया गया है।
कैसे चलता था ‘काला खेल’?
सीआईडी को सूचना मिली थी कि गुजरात के कोयला माफिया पिण्डवाड़ा-आबूरोड हाईवे-27 के पास स्थित एक बंद पड़ी फैक्ट्री को किराए पर लेकर इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं। वे ट्रक चालकों से मिलकर हर ट्रक से 5 से 10 टन कोयला चोरी कर लेते और उसकी जगह नकली कोयला पाउडर भर देते थे। चोरी का असली कोयला छोटे इंडस्ट्री इकाइयों को बेचकर प्रतिदिन लाखों रुपये कमा रहे थे।
यह भी पढ़ें: ‘कन्हैयालाल मर्डर की जांच क्यों अटकी?’ पूर्व सीएम गहलोत ने गृहमंत्री शाह से पूछे सवाल
पुलिस ने ऐसे की छापेमारी
सूचना के बाद डीआईजी योगेश यादव और एएसपी नरोत्तम वर्मा ने एक स्पेशल टीम बनाई। टीम को डिप्टी एसपी फूलचंद टेलर और इंस्पेक्टर रामसिंह नाथावत ने लीड किया। सिरोही के रोहिडा थाना क्षेत्र स्थित तुलसी होटल के पीछे की फैक्ट्री पर छापा मारा। वहां से दो ट्रक, एक लोडर, एक डोजर मशीन और कोयले से भरे ट्रक की सील तोड़ने का सामान बरामद किया गया।
गुजरात से है मास्टरमाइंड का कनेक्शन
घोटाले का मास्टरमाइंड आरोपी इरफान (32) गुजरात के पाटन का रहने वाला है। पूछताछ में उसने बताया कि वह 5-7 हजार रुपये प्रति टन की दर से कोयला खरीदता और नकली डस्ट मिला कर उसे आगे भेज देता। गिरोह रोजाना 15-20 टन कोयला चोरी करता था, जिससे रोजाना 1 से 1.5 लाख रुपये की कमाई होती थी।
यह भी पढ़ें: Exclusive: ‘राजस्थान में स्मार्ट मीटर अनिवार्य, आगे प्रीपेड मीटर की तैयारी’, ऊर्जा मंत्री हीरालाल ने बताया प्लान