Chittorgarh: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सामूहिक विवाह सम्मेलनों के आयोजन से आर्थिक दृष्टि से कमजोर परिवारों को सम्बल मिलता है। इन आयोजनों में शामिल होकर विभिन्न समाज, जाति और धर्म के परिवार अनेकता में एकता की भावना को साकार करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सामूहिक विवाह सम्मेलनों को भरपूर प्रोत्साहन दिया है।
विवाह सम्मेलन सादगी के परिचायक
गहलोत मंगलवार को चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा स्थित कृषि उपज मण्डी में हरीश आंजना एजुकेशन सोसायटी द्वारा आयोजित द्वितीय निशुल्क सर्वधर्म सामूहिक विवाह सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता हमारी बड़ी ताकत है, यह कमजोर नहीं होनी चाहिए। सामूहिक विवाह सम्मेलनों में सर्वधर्म समभाव की भावना निहित होती है। ये सादगी के परिचायक होते हैं, इनसे दिखावे की प्रवृत्ति और फिजूलखर्ची सहित अनेक समस्याओं से निजात मिलती है। उन्होंने 142 नव-विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद व शुभकामनाएं दीं तथा उनके सफल दाम्पत्य जीवन की कामना की।
देश में लोकतंत्र मजबूत रहना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अनेकता में एकता का देश है। यहां कई जातियों व भाषा-भाषियों के साथ ही विभिन्न धर्माें के लोग निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि मजबूत लोकतंत्र व संविधान हमारे देश की ताकत है। देश में कानून का राज होना आवश्यक है। यदि लोकतंत्र और संविधान कमजोर होंगे तो देश में स्थितियां विकट हो जाएंगी।
प्रदेश में हो रहा चहुंमुखी विकास
गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को सुशासन देते हुए राज्य का चहुंमुखी विकास सुनिश्चित कर रही है। राज्य सरकार ने अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग को लाभान्वित कर राहत पहुंचाई है। इन योजनाओं की पूरे देश में सराहना व चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को भविष्य में और व्यापक बनाया जाएगा, जिससे बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी से प्रदेशवासियों को पूरी तरह से निजात मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा एवं महिला सशक्तिकरण पर विशेष जोर दे रही है। जल्द ही 40 लाख महिलाओं को तीन साल की इन्टरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोडवेज की सभी श्रेणियों की बसों में महिलाओं-बालिकाओं को किराए में 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। छात्राओं को शिक्षण संस्थानों तक आवागमन के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर का भी प्रावधान किया गया है।
1 करोड़ लोगों को मिल रही सामाजिक सुरक्षा पेंशन
गहलोत ने कहा कि राज्य में 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1 हजार रुपए की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। साथ ही, इसमें प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की स्वतः वृद्धि का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा लागू शिक्षा, सूचना, खाद्य सुरक्षा एवं रोजगार के अधिकार की तर्ज पर वर्तमान केन्द्र सरकार को भी सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाकर लागू करना चाहिए।