Ajmer News: राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह को लेकर बुधवार को फिर न्यायालय में सुनवाई हुई। कोर्ट ने वाद स्वीकार कर लिया है। 5 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। विष्णु गुप्ता की याचिका पर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए हैं। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई थी। इस दरगाह को लेकर हिंदू सेना ने चौंकाने वाला दावा किया था।
कहा गया था कि यहां भगवान शिव का मंदिर था। जिसको तोड़कर दरगाह बनाई गई। एक किताब को भी कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर पेश किया गया। यह किताब 1910 में पब्लिश हुई थी। जिसमें दरगाह की जगह मंदिर होने का जिक्र है। कोर्ट ने मामले में 27 नवंबर की तारीख सुनवाई के लिए मुकर्रर की थी। हिंदू सेना की ओर से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) से इसका सर्वे करवाने की मांग की गई है। यदि आदेश हुए तो यूपी के संभल के बाद यहां भी सर्वे हो सकता है।
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अजमेर सिविल कोर्ट वेस्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई थी। कोर्ट में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से मामला दायर किया गया है। जिसमें दावा किया है कि अजमेर दरगाह से पहले यहां हिंदू संकट मोचन मंदिर हुआ करता था। याचिका में 1910 में पब्लिश हुई हरविलास शारदा की पुस्तक का हवाला भी दिया गया है। इस किताब में यहां मंदिर होने का जिक्र है। कई और सबूत भी पेश किए गए हैं।
Rajasthan: Ajmer Dargah or Shiva temple !!
Amidst ongoing disputes about the Jama Masjid in Sambhal, UP, a court in Ajmer heard a case on November 26 where Hindus demanded an ASI survey of the Dargah.
They presented a 1910 book as evidence and argued for the Dargah’s… pic.twitter.com/R2JS9TWRuI
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) November 27, 2024
हिंदू सेना ने दोहराईं ये मांगें
कोर्ट से मांग की गई है कि यहां एएसआई से सर्वे करवाया जाए। दरगाह की मान्यता को तुरंत रद्द कर मंदिर में हिंदुओं को पूजा करने के अधिकार दिए जाएं। विष्णु गुप्ता ने बताया कि इस मामले में उनके पक्ष में फैसला आएगा, ऐसा उनको विश्वास है। दरगाह के पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया गया है। सर्वे होगा या नहीं, कोर्ट फैसला करेगी। न्यायालय इस मामले में जल्द फैसला लेगा। हिंदू सेना ने कहा कि दरगाह की जगह पर मंदिर था, इसलिए इसे मंदिर घोषित किया जाए। दरगाह समिति के अनाधिकृत कब्जे को भी हटाया जाए।
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