Ajmer Dargah Dispute Case: (केजे श्रीवत्सन, जयपुर) अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर शुरू होने जा रहे सालाना उर्स से ठीक पहले एक नया विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू सेना के दावे पर अजमेर की अदालत ने दरगाह कमेटी, पुरातत्व और अल्पसंख्यक विभाग से 20 दिसंबर तक जवाब मांगा है। अब विश्व हिंदू परिषद भी विवाद में कूद गई है। VHP ने भी दावा किया है कि यहां मंदिर होने के सबूत हैं। वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमितोष ने कहा कि वे लोग हिंदू सेना के दावे का समर्थन करते हैं। ब्राह्मण परिवार आज भी यहां चंदन घिसकर दरगाह तक पहुंचाते हैं।
हिंदू संगठन कर रहे सर्वे की मांग
वहीं, दरगाह के खादिम सरवर चिश्ती ने कहा कि उनको बार-बार कड़वा घूंट पीने को मजबूर किया जा रहा है। जब वर्शिप एक्ट है तो ऐसा करने की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि 800 सालों से यह दरगाह थी और आगे भी दरगाह ही रहेगी। हिंदू सेना ने दावा किया था कि दरगाह में भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। अदालत के दावे वाली याचिका को स्वीकार करने के बाद जहां हिंदू संगठन सर्वे की मांग कर रहे हैं। वहीं, दरगाह कमेटी ने इसे 1991 के वर्शिप एक्ट का उल्लंघन बताते हुए इसे दो समुदायों में तनाव पैदा करने वाला बताया है।
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अजमेर दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि न्यायालय में जाने का अधिकार सबको है। प्रक्रिया के तहत कोर्ट उसकी सुनवाई तय कर संबंधित पार्टियों को नोटिस जारी कर चुकी है। हम अपना पक्ष मजबूती के साथ रखेंगे। लेकिन हर दरगाह और मस्जिद में मंदिर होने का दावा करने की जो परिपाटी डाल दी गई है। वह हमारे समाज और हिंदुस्तान के लिए सही नहीं है। जो विवाद 150-200 साल पुराने हैं या 1947 से पहले के हैं, उन्हें छोड़ दिया जाए। हाल ही संभल में जो हुआ, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
☝️🕌🚩 Ajmer Dargah Sharif claimed as Shiva temple in new religious site dispute
☝️ The petition was filed by Vishnu Gupta, leader of the right-wing Hindu Sena. Subsequently, an Ajmer lower court issued notices to three entities regarding claims of a Shiva temple within the… pic.twitter.com/FEvwlc8RBX
— F3News (@F3NewsOfficial) November 28, 2024
कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर साधा निशाना
मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का बयान भी आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे मुद्दों को सॉफ्ट टारगेट बनाकर वोट बैंक के लिए भाजपा और उसके एजेंट देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़ा रहे हैं। यह जांच होनी चाहिए कि याचिका लगाने वाला एजेंट कौन है।
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