भरतपुर: सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद भी राजस्थान के भरतपुर में एक महिला को तीन तलाक देने का मामला सामने आया है। जिले के रूपवास थाना इलाके की रहने वाली एक महिला को उसके पति ने एक कागज को नोटरी से अटेस्टेड करवाकर तीन तलाक दे दिया। महिला ने बुधवार को रूपवास थाने में आरोपी पति आरिफ के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। महिला का पति सवाईमाधोपुर के वजीरपुर का रहने वाला है और अभी वह जयपुर के सांगानेर रहता है।
जानकारी के मुताबिक महिला की शादी 18 नवंबर 2011 को आरिफ के साथ हुई थी। पीड़ित महिला का कहना है कि, शादी के बाद दोनों राजीखुशी से रहते थे। उसके बाद साल 2013 में महिला ने एक बेटी को जन्म दिया। बेटी के जन्म के बाद से उसके ससुराल वाले शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान करने लगे। ससुराल वाले बेटी के जन्म के बाद महिला से एक लाख रुपए की डिमांड भी करते। शारीरिक प्रताड़ना से महिला की आंखों की रोशनी भी जाने लगी। साल 2014 में जयपुर चला गया और अपनी पहली पत्नी को बिना बताए दूसरी शादी कर ली, और जयपुर में ही दूसरी पत्नी के साथ रहने लगा।
इस बात के बारे में आरिफ की पहली पत्नी को पता नहीं था। साल 2019 में आरिफ अपनी दूसरी पत्नी और बच्चे को लेकर अपने घर सवाईमाधोपुर आ गया। इस बात का आरिफ की पहली पत्नी ने विरोध किया तो आरिफ के परिजनों ने उसके साथ मारपीट की और उसे गाड़ी में लेकर आये और महिला को उसके पीहर छोड़कर चले गए। जिसके बाद महिला ने आरिफ और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज करवाया।
गौरतलब है कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट द्बारा रोक लगा दी गई है। उसके बाद भी आरिफ ने जो पहली पत्नी को तलाकनामा भेजा वह नोटरी से अटेस्टेड था। अब इस मामले में भरतपुर पुलिस ने संज्ञान ले लिया है और कहा है कि, ‘तीन तलाक के इस मामले में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान जारी है। थानाधिकारी रूपवास को शीघ्र अनुसंधानिक कार्रवाई पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।’
यह जानकारी भरतपुर के स्थानीय पत्रकार आकाश गुप्ता ने अपने ट्विटर हेंडल पर शेयर की है।