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Rajasthan: प्रदेश में ‘लंपी वायरस’ का कहर, अब तक हजारों गायों की मौत, जानें इसके बारे में

जयपुर: राजस्थान के पश्चिमी और उत्तरी पश्चिमी जिलों में इन दिनों ‘लंपी वायरस’ का कहर बरप रहा है। यह वायरस पशुओं (मुख्य रूप से गायों में) में फेल रहा है, जिससे पिछले कुछ दिनों में हजारों गायों की मौत हो चुकी है। जिस प्रकार इंसानों में कोरोना फैला था उसी तरह अब पशुओं में खासतौर […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Aug 3, 2022 16:15
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Lumpy skin disease
Lumpy skin disease

जयपुर: राजस्थान के पश्चिमी और उत्तरी पश्चिमी जिलों में इन दिनों ‘लंपी वायरस’ का कहर बरप रहा है। यह वायरस पशुओं (मुख्य रूप से गायों में) में फेल रहा है, जिससे पिछले कुछ दिनों में हजारों गायों की मौत हो चुकी है। जिस प्रकार इंसानों में कोरोना फैला था उसी तरह अब पशुओं में खासतौर पर गायों में यह संक्रामक बीमारी फेल रही है। मीडिया की खबरों के मुताबिक अब तक इस बीमारी से करीब 50 हजार गायें ग्रसित हो चुकी हैं।

बता दें कि लंपी बीमारी प्रदेश के 11 जिलों में फैल चुकी है। जिनमें जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर, नागौर में यह वायरस ज्यादा कहर बरपा रहा है। अब तक 50 हजार से ज्यादा पशु संक्रमित हो चुके हैं। इस बीमारी से लगभग तीन हजार से ज्यादा गाय-भैसों की मौत हो चुकी है। हालांकि ये आंकड़े पूरी तरह सही नहीं माने जा रहे हैं।

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सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि पशुओं में इस रोग के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया तीन अगस्त को सभी जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ एक ऑनलाइन बैठक करेंगे। प्रवक्ता के अनुसार, पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, सिरोही, जोधपुर, नागौर तथा बीकानेर जिलों में गौवंशीय पशुओं में फैल रही इस बीमारी को लेकर राज्य सरकार सतर्क है।

वहीं, मंत्री कटारिया ने सोमवार को जोधपुर जिले के फलौदी तथा आस-पास के क्षेत्रों में पंहुच कर स्थिति का जायजा लिया था। कटारिया ने कहा था कि प्रभावित प्रत्येक जिले को जरूरी दवाएं खरीदने के लिए पहले ही एक-एक लाख रुपये और पॉली क्लीनिक को 50-50 हजार रुपये जारी किए गए हैं। साथ ही कुछ जिलों को अतिरिक्त राशि दी जाएगी। बीमारी की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों पर नजर रखने के लिए राज्य स्तर के नोडल अधिकारी जिलों में भेजे जा रहे हैं।

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क्या है लम्पी बीमारी?

लम्पी त्वचा रोग एक संक्रामक बीमारी है, जो मच्छर, मक्खी, जूं इत्यादि के काटने या सीधा संपर्क में आने अथवा दूषित खाने या पानी से फैलती है। इससे पशुओं में तमाम लक्षणों के साथ उनकी मौत भी हो सकती है। यह बीमारी तेजी से मवेशियों में फैल रही है। इसे ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ (एलएसडीवी) कहते हैं। दुनिया में मंकीपॉक्स के बाद अब यह दुर्लभ संक्रमण वैज्ञानिकों की चिता का कारण बना हुआ है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए पशुओं को टीका लगाया जा रहा है।

ये सावधानियां बरतें

डॉक्टरों ने अनुसार लंपी स्किन डिजीज मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से फैलता है। दूषित पानी और चारे के कारण पशुओं को यह संक्रमण अपनी चपेट में लेता है। अगर किसी पशु में इस बीमारी के लक्षण दिखें तो अन्य गाय-भैंसों से अलग कर दें। किसी अन्य पशु को उनका झूठा पानी या चारा न खिलाएं। साथ ही पशु रखने वाले स्थान पर साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें।

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Edited By

Nirmal Pareek

First published on: Aug 03, 2022 04:15 PM
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