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पंजाब

पंजाब में आप सरकार का ऐतिहासिक फैसला, अनुसूचित जाति परिवारों को बड़ी राहत

Punjab News: पंजाब में आप मंत्रिमंडल ने पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त निगम (पीएससीएफसी) के कर्जदारों के लिए 31 मार्च, 2020 तक वितरित किए गए कर्ज माफ करने के लिए कार्योत्तर मंजूरी दे दी है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jun 3, 2025 22:10
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पंजाब सीएम भगवंत मान बैठक के दौरान बात करते हुए

Punjab News: पंजाब सरकार ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय को बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने मंगलवार को 67.84 करोड़ रुपए की कर्ज माफी को मंजूरी दी, जिससे लगभग 4,800 परिवारों को लाभ हुआ। इस संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसका फैसला लिया गया।

4,727 कर्जदारों को मिला लाभ

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त निगम (पीएससीएफसी) के कर्जदारों के लिए 31 मार्च, 2020 तक वितरित किए गए कर्ज माफ करने के लिए कार्योत्तर मंजूरी दे दी है। यह माफी पीएससीएफसी द्वारा उपरोक्त तिथि तक वितरित किए गए सभी कर्जों के लिए है, जिससे एससी समुदाय और दिव्यांग वर्ग के कर्जदारों को अत्यंत आवश्यक राहत मिली है। इस कदम से कुल 4,727 कर्जदारों को 67.84 करोड़ रुपए की राशि का लाभ होगा।

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पीएससीएफसी को वापस की जाएगी राशि

उन्होंने बताया कि कुल 4,727 कर्जदार, जिनमें 4,685 डिफॉल्ट कर्जदार और 42 नियमित कर्जदार शामिल हैं, इस कर्ज माफी योजना के अंतर्गत आएंगे। इसके लिए ‘नो ड्यू सर्टिफिकेट’ पीएससीएफसी के जिला प्रबंधकों द्वारा जारी किए जाएंगे। प्रवक्ता ने आगे बताया कि 30 अप्रैल, 2025 तक गणना की गई मूल राशि, ब्याज और दंड ब्याज सहित कुल 67.84 करोड़ रुपए की पूरी राशि राज्य सरकार द्वारा पीएससीएफसी को वापस की जाएगी। अंतिम ब्याज की राशि की गणना उस तिथि से होगी, जिस दिन सरकार इस योजना को लागू करने के लिए अधिसूचना जारी करेगी। इसके परिणामस्वरूप, कुल माफी राशि बढ़ सकती है और ऐसी स्थिति में किसी भी अतिरिक्त राशि का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।

कर्ज लेने वालों के खिलाफ नहीं होगी कार्रवाई

प्रवक्ता ने आगे कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन कर्जदारों ने पहले भी कर्ज माफी योजनाओं का लाभ लिया है, वे भी इस माफी योजना का लाभ लेने के लिए पात्र माने जाएंगे। कर्ज माफी के बाद, पीएससीएफसी के नियमों के तहत कर्ज लेने वालों के खिलाफ वसूली के लिए कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। कट-ऑफ तिथि तक उनके खातों को पूरी तरह से सेटल माना जाएगा। हालांकि, जिन कर्जदारों ने पीएससीएफसी के खिलाफ अदालती मामले दर्ज किए हैं, वे तब तक पात्र नहीं होंगे, जब तक कि वे बिना शर्त अपने मामले वापस नहीं ले लेते और इसके संबंध में दस्तावेजी सबूत नहीं देते।

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माफी योजना लागू होने से इन्हें मिला लाभ

उल्लेखनीय है कि 2011 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जाति समुदाय की आबादी पंजाब की कुल आबादी का 31.94 प्रतिशत है। इस समुदाय के कई सदस्यों ने अपनी आर्थिक प्रगति के उद्देश्य से स्व-रोजगार उद्यम स्थापित करने के लिए पीएससीएफसी से कर्ज लिया था। हालांकि, कुछ कर्जदार बाहरी परिस्थितियों के कारण कर्ज चुकाने में असमर्थ रहे, जिसके कारण वे डिफॉल्ट हो गए।

इन लोगों को मिलेगी राहत

प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस माफी योजना के लागू होने से 4,727 अनुसूचित जाति समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों और दिव्यांग वर्ग के लाभार्थियों को 67.84 करोड़ रुपए की राहत मिलेगी, जिसमें 30.02 करोड़ रुपए मूल राशि, 22.95 करोड़ रुपए ब्याज और 14.87 करोड़ रुपए दंड ब्याज शामिल है (जो 30 अप्रैल, 2025 तक गणना की गई है)। सरकार का यह प्रयास उनके सम्मान को बहाल करने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम बनाने में मदद करेगा।

4,727 परिवारों को इस योजना का मिला लाभ

प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस माफी योजना के तहत लाभार्थी अपने परिवारों की सहायता के लिए नए उद्यमों के लिए मुक्त वित्तीय स्रोतों का उपयोग कर सकेंगे। यह प्रयास पीएससीएफसी को भविष्य में अनुसूचित जाति के अन्य पात्र व्यक्तियों को नए कर्ज देने में भी सक्षम बनाएगा। पंजाब सरकार का यह निर्णय हजारों परिवारों के प्रति राहत और सम्मान की पहल को दर्शाता है, जो वर्षों से कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। कुल 4,727 परिवारों को इस योजना का सीधा लाभ होगा।

इन कामों के लिए लिया था कर्ज

प्रवक्ता ने कहा कि इन परिवारों को यह कर्ज डेयरी फार्मिंग, किराना दुकान, टेलरिंग, बुटीक, फर्नीचर का काम, बिल्डिंग मटेरियल या हार्डवेयर की दुकानें, चमड़े के सामान का उत्पादन, शिक्षा के लिए कर्ज या रेस्तरां जैसे छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद के लिए दिए गए थे।दये परिवार घर के कमाने वाले व्यक्ति की मृत्यु, लंबी बीमारी के कारण सारी बचत खत्म होने या आय का कोई अन्य साधन न होने जैसी परिस्थितियों के कारण अपने कर्ज नहीं चुका सके।

5.41 लाख से अधिक लोगों को मिला कर्ज

राज्य सरकार का मानना है कि ऐसे लोगों से इस कर्ज की वसूली करना सरासर अन्याय है, जिसके कारण कर्ज माफी का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि पी.एस.सी.एफ.सी की स्थापना 1971 में की गई थी। यह एक विश्वसनीय संस्था है जो अनुसूचित जाति समुदाय को कम ब्याज दरों पर कर्ज प्रदान कर रही है। अब तक इस संस्था ने 5.41 लाख से अधिक लोगों को 846.90 करोड़ रुपए के कर्ज वितरित किए हैं।

आप सरकार ने किया साबित

आम आदमी पार्टी की सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे न केवल वादे करते हैं, बल्कि उन्हें पूरा भी करते हैं, जबकि पिछली सरकारों ने अनुसूचित जाति समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। आप सरकार अनुसूचित जाति समुदाय के परिवारों के दुख-दर्द को समझती है और उन्हें हमेशा समानता, उचित अधिकार और सम्मान दिया है। यह योजना केवल कर्ज माफी तक सीमित नहीं है, बल्कि समुदाय के सम्मान को बहाल करने, न्याय देने और नई शुरुआत के लिए अवसर प्रदान करती है।

First published on: Jun 03, 2025 10:10 PM

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