Watch Video Shiv Sena MP Makes Nanded Hospital Dean clean Toilet: महाराष्ट्र के नांदेड़ में डॉ. शंकरराव चव्हाण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सुर्खियों में है। वजह यहां 48 घंटे में 31 मरीजों की मौत हो गई। मरीजों की मौत पर सियासत भी शुरू हो गई है। मंगलवार को सत्तारूढ़ शिवसेना के एक सांसद ने अस्पताल के डीन से टॉयलेट साफ करवाया। सफाई का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है।
सांसद ने अस्पताल का किया दौरा
दरअसल, शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद हेमंत पाटिल ने मंगलवार को शंकरराव चव्हाण सरकारी अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने अस्पताल की स्थिति का जायजा लिया तो टायॅलेट में भारी गंदगी मिली। यह देख सांसद पाटिल नाराज हो उठे। उन्होंने अस्पताल के डीन श्यामराव वाकोडे को पकड़ लिया और इसे साफ करने के लिए कहा। जब डीन शौचालय साफ कर रहे थे तो सांसद खड़े होकर पाइप से पानी डाल रहे थे।
📌शिंदे गटाचे खासदार हेमंतजी पाटील यांनी नांदेड रुग्णालयातील अधिष्ठाता यांना शौचालय स्वच्छ करायला लावणे म्हणजे ‘चोर सोडून संन्याशाला फाशी’ असा प्रकार आहे.
📌जर डीन ला ही शिक्षा तर सार्वजनिक आरोग्यविभाग हाताळणाऱ्या मान. मंत्रीमहोदयांना ( @TanajiSawant4MH ) आणि राज्याचे प्रमुख या… pic.twitter.com/0twAUgLk5o— Dr.Amol Kolhe (@kolhe_amol) October 3, 2023
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48 घंटे में 31 की जान गई
अस्पताल में सोमवार को 24 घंटे के भीतर 24 मरीजों की जान गई। मंगलवार को यह आंकड़ा बढ़कर 31 हो गया। वहीं 71 मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है। डीन वाकोडे ने सोमवार को मरीजों की मौत में किसी लापरवाही होने से इंकार कर दिया था। उन्होंने दावा किया था कि अस्पताल में दवा और डॉक्टरों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा था कि मरीजों की उचित देखभाल की गई, लेकिन इलाज पर उन्होंने चुप्पी साध ली थी।
राहुल गांधी और खड़गे ने साधा निशाना
विपक्ष ने सत्तारूढ़ सरकार पर हमला किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भाजपा सरकार प्रचार पर हजारों करोड़ रुपए खर्च करती है, लेकिन बच्चों की दवाएं खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी निशाना साधा। उन्होंने अगस्त 2023 में ठाणे के एक सरकारी अस्पताल में हुई 18 मरीजों की मौत का मामला भी उठाया। कांग्रेसे जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
सीएम शिंदे बोले- होगी जांच
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नांदेड़ हॉस्पिटल की दुर्घटना को सरकार ने गंभीरता से लिया है। अस्पताल में जितनी दवाईयों की जरूरत थी वो वहां पर थीं। डॉक्टर और स्टाफ वहां पर मौजूद थे। जो दुर्घटना हुई है वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। इसकी जांच होगी।
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