Karnataka Border Issue: सीमा मुद्दे पर कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच बढ़ते तनाव के बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने बुधवार को एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि हम कर्नाटक में वैसे ही घुसेंगे, जैसे चीन देश में प्रवेश कर गया है। पार्टी के सीनियर नेता ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है।
संजय राउत ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जैसे चीन घुसा है, हम (कर्नाटक) में घुसेंगे। हमें किसी की अनुमति की जरूरत नहीं है। हम इसे चर्चा के जरिए सुलझाना चाहते हैं, लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री आग लगा रहे हैं। महाराष्ट्र में कमजोर सरकार है और कोई स्टैंड नहीं ले रही है।
यह भी पढ़ेंः नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने निकले हैं’, हरियाणा में एंट्री करते ही राहुल गांधी ने BJP पर बोला हमला
#WATCH | Like China has entered, we will enter (Karnataka). We don't need anyone's permission. We want to solve it through discussion but Karnataka CM is igniting fire. There is a weak govt in Maharashtra & is not taking any stand on it: Sanjay Raut, Uddhav Thackeray's faction pic.twitter.com/d0okV6Wq8X
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) December 21, 2022
सुप्रीम कोर्ट में है सीमा विवाद का मामला
संजय राउत का बयान महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को लेकर बढ़े तनाव के समय आया है और यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लिस्टेड है। बता दें कि एकनाथ शिंदे की सरकार को इस मुद्दे पर आलोचना और महाराष्ट्र विधानसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र में विपक्ष के हंगामे का सामना करना पड़ रहा है।
विपक्ष के नेता अजीत पवार ने पहले विधानसभा में सीमा विवाद का मुद्दा उठाया और कहा, “महाराष्ट्र के एक लोकसभा सदस्य को बेलगाम में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया कि किसी को भी आने से नहीं रोका जाएगा। वहां जा रहे हैं, तो वहां के कलेक्टर ऐसा फैसला कैसे ले सकते हैं।”
पवार के सवाल पर शिंदे ने दिया जवाब
पवार द्वारा उठाए गए मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “देश के गृह मंत्री ने पहली बार सीमा विवाद की मध्यस्थता की, उन्होंने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, हमने सीमा निवासियों का पक्ष उनके सामने रखा है, अमित शाह ने सीमा विवाद के सामने अपनी बात रखी है, अब सीमा विवाद पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, हमें सीमावासियों के साथ खड़ा होना चाहिए।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सीएम शिंदे की टिप्पणी का समर्थन किया और कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी। महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा सोमवार को बेलागवी में प्रवेश की अनुमति देने की मांग के बाद महाराष्ट्र कर्नाटक सीमा पर बेलगावी के सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव व्याप्त हो गया है और इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।
1956 से चला आ रहा है विवाद
महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद 1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के कार्यान्वयन के समय से चला आ रहा है। तत्कालीन महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक के साथ अपनी सीमा के पुन: समायोजन की मांग की थी।
इसके बाद दोनों राज्यों की ओर से चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। महाराष्ट्र सरकार ने मुख्य रूप से कन्नड़ भाषी 260 गांवों को स्थानांतरित करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन कर्नाटक द्वारा प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था। दोनों सरकारों ने बाद में मामले में तेजी लाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
और पढ़िए – हेल्थ से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें