महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार और राणे परिवार लंबे समय से आमने-सामने है। दोनों एक दूसरे पर कटाक्ष करते रहते हैं। अब इस जुबानी जंग में उनकी पार्टियों के नेताओं-कार्यकर्ताओं की भी एंट्री हो गई है। ठाणे के तीन हाथ नाका के पास शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट की तरफ से लगाया गया बैनर चर्चा का विषय बन गया है। इस बैनर में दोनों भाइयों से एक साथ आने की अपील की ही गई है।
पोस्टर पर लिखा है कि महाराष्ट्र के 2 मराठी शेरों का एक साथ आना, पूरे महाराष्ट्र की, प्रदेश की जनता की इच्छा है। पोस्टर में साथ ही नितेश राणे को चिढ़ाते हुए बैनर पर लिखा गया है कि देवेंद्र गंगाधर फडणवीस मेरा बाप नहीं हैं। बैनर पर नेताओं ने अपने पिता का नाम लिखा है। इस बैनर पर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की एक साथ फोटो भी लगाई गई है, लेकिन फडणवीस को टारगेट किया गया।
यह भी पढ़ें:ट्रंप-मस्क विवाद में नया ट्विस्ट, Elon Musk ने पिछले हफ्ते X पर लिखी अपनी पोस्ट पर जताया खेद
देवेंद्र फडणवीस की नितेश राणे को हिदायत
दरअसल स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा से पहले महायुति के भीतर अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आ गए है। कैबिनेट मंत्री नितेश राणे ने धाराशिव में बयान दिया कि हमें याद रखना चाहिए कि राज्य में भाजपा की सरकार है। सभी को याद रखना चाहिए कि भाजपा का मुख्यमंत्री सबका पिता बनकर बैठा है।
इस बयान के बाद शिवसेना शिंदे गुट काफी नाराज हुआ और क्योंकि नितेश राणे भाजपा में हैं और उनके भाई निलेश राणे शिवसेना शिंदे गुट में हैं, इसलिए दोनों में ही बयानबाजी शुरू हो गई। खबर है कि कैबिनेट की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से नितेश राणे को कड़े शब्दों में समझाया और ऐसी बयानबाजी से बचने के लिए कहा।
यह भी पढ़ें:गाजियाबाद के मोदीनगर और निवाड़ी कोतवाल क्यों किए गए लाइन हाजिर? नए अफसरों को मिली थाने की कमान
नितेश राणे ने दिया था यह बयान
धाराशिव में एक कार्यक्रम में बोलते हुए नितेश राणे ने कहा था कि हमें याद रखना चाहिए कि राज्य में भाजपा की सरकार है और भाजपा का मुख्यमंत्री सबके पिता बनकर बैठे हैं। हालांकि उनकी यह टिप्पणी स्थानीय शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी अजित पवार गुट के नेताओं पर केंद्रित थी।
शिंदे गुट के नेताओं ने इस पर सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी जताई। नतीजतन, शिवसेना विधायक नीलेश राणे ने एक्स पर एक पोस्ट करके नितेश राणे की आलोचना की। मामला यहीं नहीं रुका, अब इस मामले में शिवसेना यूबीटी की भी एंट्री हो गई है, क्योंकि शिवसेना यूबीटी को नितेश राणा से पुराना हिसाब चुकाना है।