मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत में प्रत्यर्पण को लेकर हर कोई मोदी सरकार की तारीफ कर रहा है। शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने बड़ा बयान दिया है। निरुपम ने कहा कि सत्ता में रहते हुए जो काम यूपीए नहीं कर पाया वो काम मोदी सरकार ने किया है। 26/11 आतंकी हमले के आरोपी को भारत लाना बड़ी कामयाबी है। 2011 में अमरीकी न्यायालय ने इस केस में तहव्वुर को बरी कर दिया था। ऐसे में तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को लेकर पूरा श्रेय सिर्फ पीएम मोदी को जाता है। सरकार की इच्छा शक्ति और आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी का नतीजा है। इसका कांग्रेस की ओर से अभिनंदन होना चाहिए।
उद्धव के मुखपत्र सामना पर साधा निशाना
कांग्रेस के लोग हिंदू शासक राणा सांगा को अपमानित करते हैं और तहव्वुर राणा के लिए प्रेम प्रकट करते हैं। उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि 26/11 आतंकी हमले के बाद मनमोहन सरकार ने इसलिए कार्रवाई नहीं की क्योंकि इससे देश के मुसलमान नाराज हो जाते। यह बात ओबामा ने स्वयं अपनी किताब में लिखी है। निरुपम ने इस दौरान सामना की संपादकीय टिप्पणी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूएस कोर्ट में कई सालों से फॉलोअप चल रहा था। कोर्ट ने जब इस याचिका को नामंजूर किया तो उसका प्रत्यर्पण हुआ। इस घटना का बंगला और बिहार की घटना से क्या संबंध?
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तहव्वुर को बिरयानी खिलाने की जरूरत नहीं
निरुपम यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि मुंबई ब्लास्ट के आरोपी दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेनन और मेहुल चौकसी को भी भारत लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि तहव्वुर राणा को कोई मान-सम्मान और बिरयानी खिलाने की जरूरत नहीं है। कानूनी प्रक्रिया के तहत पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं गृहमंत्री अमित शाह को लेकर उन्होंने कहा कि वे महाराष्ट्र के दौर पर हैं। ये अच्छी बात है। वहीं उनके सुनीत तटकरे के घर जाकर खाना खाने से तीनों दलों में आपसी समझ बढे़गी।
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