Nishant Tripathi Suicide: बेंगलुरु के अतुल सुभाष की तरह पत्नी पर प्रताड़ना के आरोप लगाकर जान देने वाले निशांत सुमनराज त्रिपाठी के मामले में पुलिस जांच कर रही है। मुंबई के विले पारले स्थित सहारा होटल में निशांत ने जान दी थी। कमरे के बाहर ‘Do Not Disturb’ लिख दिया था, ताकि कोई दखल न दे सके। चेक आउट का समय होने पर स्टाफ ने दरवाजा खटखटाया था, कोई रिस्पॉन्स न मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर निशांत की बॉडी मिली थी। निशांत ने सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें पत्नी और उसकी मौसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बता दें कि निशांत पेशे से एक्टर था। अब मां ने बेटे की मौत पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है।
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मां नीलम का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मां ने फेसबुक पोस्ट में कहा है कि मैंने सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर 46 हजार से अधिक महिलाओं की मदद की है। 37 हजार महिलाओं को न्याय दिलवाने के लिए संघर्ष किया है। ये महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकें, इसके लिए काम किया है। बेटे की मौत पर अब मैं टूट चुकी हूं। मेरी हालत जिंदा लाश जैसी हो चुकी है। नीलम ने आगे लिखा कि वे सोच रही थीं कि बेटा मेरा अंतिम संस्कार करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मेरी बेटी प्राची को ही अपने भाई का अंतिम संस्कार करना पड़ा। मैंने जिंदगी में संघर्ष किया, लेकिन अब मैं टूट चुकी हूं।
Nishant’s mother wrote this in her Facebook post.
---विज्ञापन---She is Women’s Right Activist who runs Sakhi Kendra in Kanpur. pic.twitter.com/C49qJ2dTnm
— ShoneeKapoor (@ShoneeKapoor) March 7, 2025
महिलाओं को दिलवाया न्याय
मां ने लिखा कि आप मुझे जिंदा इंसान के तौर देख रहे हैं, लेकिन मैं अंदर से मर चुकी हूं। मैंने 16 साल लेकर 45 साल तक महिलाओं के लिए न्याय, उनको समाज में पहचान दिलाने के लिए काम किया। महिलाओं के साथ भेदभाव न हो, इसलिए आंदोलन किए। आंदोलन के दौरान पहली बार 18 साल की उम्र में गिरफ्तार हुईं, लेकिन अन्याय के खिलाफ सिलसिला जारी रहा। हजारों महिलाओं को रोजगार और प्रशिक्षण दिलवाया, कभी कोई लालच नहीं किया। न बैंक बैलेंस बनाया, न संपत्ति जुटाई।
दोनों बच्चे प्यार करते थे
मां ने लिखा कि उनकी संपत्ति सिर्फ लोगों का प्यार और सम्मान था, जो देश-विदेश तक मिला। दो बच्चों को संघर्ष कर पाला, हमेशा गर्व किया। दोनों बच्चे मुझे खूब प्यार करते थे। मैंने कभी भगवान से शिकायत नहीं की। मेरा बेटा निशांत मेरा दोस्त, हमसफर और हमदर्द था। वह मेरी ताकत था, लेकिन अब जीने की ताकत खत्म हो चुकी है। मैं अब एक जिंदा लाश बन चुकी हूं। उसे मेरा अंतिम संस्कार करना था, लेकिन मैंने आज अपने बेटे का दाह संस्कार मुंबई में किया है। मुझे व मेरी बेटी प्राची को हिम्मत दो, ताकि मैं इतना बड़ा वज्रपात सहन कर सकूं।
पत्नी और मौसी को नोटिस जारी
पुलिस ने मामले में मां की शिकायत पर केस दर्ज किया है। निशांत के मोबाइल में सुसाइड नोट मिला था, जिसमें पत्नी अपूर्वा पारिक और प्रार्थना मिश्रा (मौसी) को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस जांच कर रही है कि निशांत सच में मानसिक तनाव में था या उसे किसी तरह की प्रताड़ना का सामना करना पड़ा था। पत्नी और मौसी को पुलिस ने नोटिस जारी किया है। फिलहाल किसी को अरेस्ट नहीं किया गया है।
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