Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने 2019 में महाराष्ट्र में हुए हाइवोल्टेज राजनीतिक ड्रामे पर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार में सरकार बनाने के लिए उस वक्त बीजेपी के साथ बात हुई थी।
शरद पवार ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने विकेट दी तो हमले विकेट उखाड़ ली। गेंदबाज को अगर कोई अपना विकेट दिखा रहा है तो उसे वह कैसे छोड़ेगा। फडणवीस को बेकार की टिप्पणियां करने के बजाय महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए।
फडणवीस बोले- अब मैं भी गुगली फेंकूगा
शरद पवार के बयान के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि मैं शरद पवार के मुंह पर सारा सच ले आया लेकिन यह आधा सच है। मैं भी गुगली फेंकूगा और बाकी सच सामने लाऊंगा। तब भी शरद पवार मेरी बात से सहमत होंगे।
मुझे बहुत खुशी है कि मैं शरद पवार के मुंह पर सारा सच ले आया लेकिन यह आधा सच है। मैं भी गुगली फेंकूगा और बाकी सच सामने लाऊंगा: 2019 में अजित पवार और उनके (फडणवीस) शपथ ग्रहण समारोह और अजित पवार के "विद्रोह" के संबंध में NCP प्रमुख शरद पवार के "गुगली बॉल पर विकेट" वाले बयान पर… pic.twitter.com/Wc2rTo2ZTE
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2023
फडणवीस इंटरव्यू में कही थी ये बात
देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में 80 घंटे वाली अपनी सरकार के बारे में कई खुलासे किए। फडणवीस ने कहा कि अजित पवार ने भाजपा के साथ हाथ मिलाया था और ये सब उनके चाचा शरद पवार की सहमति के बाद ही हुआ था। लेकिन फिर अचानक पवार साहब पीछे हट गए। जब उद्धव ठाकरे ने हमारा फोन उठाना बंद कर दिया तो हम समझ गए कि वह हमारे पास नहीं आ रहे हैं, बल्कि वे मुख्यमंत्री की कुर्सी के पास जा रहे हैं, वे मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं।
अजित पवार ने बतौर डिप्टी सीएम ली थी शपथ
साल 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। बाद में अचानक राजभवन में एक गुप्त समारोह में फडणवीस ने मुख्यमंत्री के रूप में और राकांपा नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। हालांकि, ये सरकार केवल 80 घंटे ही चली थी।
बाद में ठाकरे ने राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनाई। अगले साल एकनाथ शिंदे ने शिव सेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी में विभाजन हुआ और एमवीए सरकार का पतन हो गया। 30 जून, 2022 को शिंदे ने मुख्यमंत्री जबकि फड़णवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
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