महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र पर छिड़ा विवाद कम होता नहीं दिख रहा है। बीती रात नागपुर में इस विवाद के चलते 2 गुटों में हिंसा भड़क उठी। दोनों गुटों में आपस में मारपीट हुई। इस बीच पथराव और गाली गलौज की कुछ घटनाएं भी सामने आईं। माहौल को देखते हुए पुलिस ने पूरे नागपुर शहर में धारा 144 लागू कर दी है, शहर के कुछ क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा है। हाल ही में इस मामले पर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बयान सामने आया है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि 2000-4000 लोग इकट्ठा हुए और मोमिनपुरा इलाके में लोगों के घरों को निशाना बनाया। जानिए उप मुख्यमंत्री ने इस मामले पर और क्या कुछ कहा।
क्या यह साजिश थी?
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नागपुर हिंसा पर बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि ‘घरों को निशाना बनाया, आगजनी की और पत्थरबाजी की गई। उन्होंने आगे कहा कि कल मोमिनपुरा में कोई गाड़ी नहीं थी, क्या यह साजिश थी? पुलिस इसकी जांच कर रही है। शिंदे ने आगे कहा कि ‘पुलिस और फायर ब्रिगेड को भी निशाना बनाया गया, उन पर पत्थरबाजी की गई और हथियार भी ताने गए।
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कानून व्यवस्था पर हमला- शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा कि ‘पुलिस पर हमला करने का मतलब है, कानून व्यवस्था पर हमला करना और कानून व्यवस्था को अपने हाथ में लेना। बाहर से लोग आए, पेट्रोल बम भी फेंके गए। जब पुलिस हालात को संभालने पहुंची, तो उस पर भी हमला किया गया। इसका मतलब यह साजिश है। मैं लोगों से अपील करता हूं, पुलिस के साथ सहयोग करें। शिंदे ने आगे कहा किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
‘महाराष्ट्र का दुश्मन था औरंगजेब’
यह पूरी हिंसा औरंगजेब की कब्र के मामले पर हो रही है। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि औरंगजेब कौन था, वह एक क्रूर शासक था, वह संत था या महात्मा था? वह महाराष्ट्र का दुश्मन था, उसने मंदिर तोड़े, उसने हमारी माताओं और बहनों को अपमानित किया। शिंदे ने आगे कहा कि औरंगजेब का समर्थन करना मतलब देशद्रोही, यह जन भावना है, वह महाराष्ट्र का क्रूर शासक था। विरोध करने वालों को छावा देखनी चाहिए, इतिहास पढ़ना चाहिए और फिर औरंगजेब की तारीफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फिर देश का असली मुसलमान भी औरंगजेब का समर्थन नहीं करेगा।
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