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मुंबई

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में बड़ी कामयाबी, 300 किलोमीटर वायाडक्ट का काम पूरा, अश्विनी वैष्णव ने शेयर किया वीडियो

Bullet Train Project: भारत की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर एक बड़ी सफलता मिली है। मुंबई से अहमदाबाद के बीच बन रही बुलेट ट्रेन लाइन पर अब तक 300 किलोमीटर वायाडक्ट (पुल जैसा ऊंचा स्ट्रक्चर) का निर्माण पूरा हो गया है। यह काम गुजरात के सूरत के पास 40 मीटर लंबे फुल स्पैन बॉक्स गर्डर को लगाकर पूरा किया गया।

Author Written By: Ankush jaiswal Author Edited By : Shabnaz Updated: May 20, 2025 13:51
Mumbai-Ahmedabad bullet train

Bullet Train Project: भारत की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर बड़ा अपडेट सामने आया है। इसके तहत अब तक 300 किलोमीटर वायाडक्ट (पुल जैसा ऊंचा स्ट्रक्चर) का निर्माण पूरा हो गया है। 300 किलोमीटर वायाडक्ट में से 257.4 किलोमीटर का निर्माण फुल स्पैन लॉन्चिंग मेथड (FSLM) से हुआ है और 37.8 किलोमीटर का काम स्पैन-बाय-स्पैन (SBS) तरीके से हुआ है। इसके अलावा इस रूट में 14 नदी पुल, 7 स्टील ब्रिज, 5 पीएससी ब्रिज और 2.7 किलोमीटर स्टेशन बिल्डिंग भी बनाई गई है।

परियोजना से जुड़ी जानकारी

इस काम के लिए कुल 6455 फुल स्पैन और 925 SBS स्पैन का इस्तेमाल हुआ है। हर एक फुल स्पैन बॉक्स गर्डर का वजन करीब 970 टन होता है। फुल स्पैन मेथड से काम करने की रफ्तार पारंपरिक तरीकों के मुकाबले 10 गुना ज्यादा है। परियोजना में ज्यादातर उपकरण जैसे स्ट्रैडल कैरियर, लॉन्चिंग गैंट्री और ट्रांसपोर्टर्स भारत में ही बनाए गए हैं। इससे ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी मजबूती मिल रही है और देश की इंजीनियरिंग ताकत भी दिख रही है।

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7 राज्यों से आए ब्रिज के पार्ट्स

काम को आसान और तेज बनाने के लिए पूरे कॉरिडोर में 27 कास्टिंग यार्ड बनाए गए हैं। स्टील ब्रिज के पार्ट्स देश के 7 राज्यों की वर्कशॉप्स में बनाए जा रहे हैं, जिनमें से तीन गुजरात में और बाकी यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में हैं। यात्रियों को शोर से राहत देने के लिए वायाडक्ट के दोनों तरफ अब तक 3 लाख से ज्यादा नॉइस बैरियर लगाए जा चुके हैं। अब तक इस प्रोजेक्ट में 383 किलोमीटर पियर, 401 किलोमीटर फाउंडेशन और 326 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग का काम पूरा हो चुका है।

यात्रियों को मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं

गुजरात में अब तक 157 किलोमीटर आरसी ट्रैक बेड भी तैयार किया जा चुका है। साथ ही महाराष्ट्र और गुजरात में आधुनिक रोलिंग स्टॉक डिपो भी बन रहे हैं, जहां बुलेट ट्रेन की मेंटेनेंस होगी। बुलेट ट्रेन के स्टेशन भी तेजी से बन रहे हैं। इन स्टेशनों को सड़क और रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा और यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी। यह पूरी उपलब्धि इस बात का सबूत है कि भारत अब हाई-स्पीड रेल तकनीक में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जापान सरकार के सहयोग से चल रही इस परियोजना से भारत को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिल रही है।

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First published on: May 20, 2025 01:48 PM

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