Malegaon blast verdict 2025: मालेगांव ब्लास्ट केस में आज एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने जैसे ही यह फैसला सुनाया तो पूर्व सांसद कोर्ट रूम में ही रो पड़ीं। कोर्ट ने फैसले के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट के फैसले के बाद पूर्व सांसद ने कहा कि पिछले 17 साल में मुझे कई यातनाएं दी गईं। मुझे प्रताड़ित किया गया। मैं एक साधु का जीवन जी रही थी, लेकिन मुझे फंसा दिया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मेरी नहीं बल्कि भगवा की जीत है। कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर के अलावा कर्नल प्रसाद पुरोहित, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी, रमेश उपाध्याय और सुधाकर द्विवेदी शामिल थे।
ऐसे में आइये जानते हैं इस केस के आरोपी बनाए गए सातों लोगों पर क्या आरोप थे?
1.साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर- एटीएस ने अपनी चार्जशीट में प्रज्ञा को मुख्य आरोपी बनाया था। साध्वी पर धमाके केे लिए व्यक्ति उपलब्ध कराने की जिम्मेारी थी। रामजी कलसांगरा और संदीप डांगे को सुधाकर धर द्विवेदी से मिलवाया था।
2.कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित- एटीएस ने अपनी चार्जशीट में कर्नल पुरोहित को दूसरे नंबर का आरोप बताया। इन पर आरोप था कि इन्होंने हमले के लिए अभिनव भारत नामक संगठन बनाया था। इसके बाद उन्होंने संगठन के लिए 21 लाख रुपये जुटाए। आरडीएक्स की व्यवस्था करने के साथ ही हथियार खरीदने में भी मदद की। इसके अलावा बम बनाने में भी तकनीकी मदद की।
3.मेजर रमेश उपाध्याय- अभिनव भारत के वरिष्ठ साथी हैं। इसके अलावा योजनाओं की बैठकों में शामिल रहे।
4.सुधाकर द्विवेदी- एटीएस की चार्जशीट के अनुसार सुधाकर बैठकों में शामिल होते थे। इसके अलावा उन्होंने बम लगाने वाले लोगों से संपर्क करवाया।
5.सुधाकर चतुर्वेदी- सुधाकर चतुर्वेदी के घर में ही बम बनाए गए थे। लेकिन कोर्ट ने आज कहा कि इस मामले में भी पर्याप्त सबूत नहीं मिले। धमाके के लिए दो लोगों को बम देने की बात कही थी।
6.समीर कुलकर्णी- कुलकर्णी भी संगठन के सदस्य थे। अभिनव भारत की बैठकों में और साजिश रचते समय की गई बैठकों में शामिल थे। प्रचार और लोगों को जोड़ने के लिए काम करते थे।
7.अजय राहिरकर- अभिनव भारत के कोषाध्यक्ष थे। हथियार खरीदने के लिए पैसे जुटाए और दूसरों को पैसे दिए। एटीएस की चार्जशीट के अनुसार सुधाकर द्विवेदी और राकेश दवाड़े को पैसे दिए।
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