Malegaon Blast Case: महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाके मामले में 17 साल बाद फैसला सुनाया जाने वाला है। मुंबई की स्पेशल NIA कोर्ट में इस मामले का फैसला सुनाया जाएगा। मालेगांव धमाके में 6 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस मामले में बीजेपी की पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, जमानत भी मिल गई थी। लेकिन उन्होंने हमेशा धमाके में शामिल होने के आरोपों को नकारा है। चलिए जानते हैं कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर कौन हैं। और उन्हें इस मामले में क्यों गिरफ्तार किया गया?
कौन हैं प्रज्ञा सिंह ठाकुर?
प्रज्ञा सिंह ठाकुर को लोग आम भाषा में साध्वी प्रज्ञा के नाम से जानते हैं। वह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से भाजपा की पूर्व सांसद रह चुकी हैं। प्रज्ञा सिंह ठाकुर बचपन से ही बाल छोटे रखती आई हैं। साध्वी प्रज्ञा अपने कॉलेज टाइम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की एक्टिव मेंबर रही थी। कॉलेज के बाद वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अलग-अलग सहयोगी संगठनों में शामिल हुईं।
मालेगांव बम धमाके की आरोपी
इसके अलावा प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके में शामिल होने का आरोप लगा था। पुलिस ने उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया था। आरोप था कि जिस बाइक की वजह से ये धमाका हुआ, वह बाइक प्रज्ञा सिंह ठाकुर की थी। इसके लिए पुलिस ने उन्हें आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य कारणों की वजह से जमानत दे दी थी।
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RSS नेता की हत्या के मामले में आरोपी
इसके इलावा, उन पर RSS के प्रचारक सुनील जोशी की हत्या में शामिल होने का आरोप था। 29 दिसंबर 2007 को सुनील जोशी की हत्या की गई थी। इस मामले में पुलिस ने राजस्थान के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वहीं, साध्वी प्रज्ञा समेत 7 लोगों पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगा था। हालांकि, फरवरी 2017 में सबूतों के अभाव में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।
प्रज्ञा ठाकुर को हुआ कैंसर
साध्वी प्रज्ञा को साल 2008 में ही स्तन कैंसर डिटेक्ट हुआ था, जिसका इलाज उन्होंने लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में करवाया था। इस संस्थान के कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जन डॉ. एसएस राजपूत ने बताया कि 2008 में प्रज्ञा ठाकुर ने अपने कैंसर के इलाज के लिए मास्टेक्टॉमी कराई थी। स्तन कैंसर को ठीक करने के लिए दो बार ऑपरेशन करवाया था। इसके साथ ही डॉ. एसएस राजपूत ने गोमूत्र और पंचगव्य से कैंसर ठीक होने वाले बयान की आलोचना की।