Maharashtra Weather Forecast: महाराष्ट्र में भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी मौसम विभाग ने दी है। महाराष्ट्र में 12 से 17 जून के बीच कोंकण, घाटमाथा और मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश होने की संभावना है। मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, पुणे, कोल्हापूर और सातारा जैसे जिलों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है। मुंबई में आज भी भारी बारिश होने की संभावना है। मुंबई में आज दिनभर बादल छाए रह सकते हैं और कई इलाकों में बारिश हो सकती है।
दरअसल, महाराष्ट्र में इस बार मानसून की एंट्री समय से पहले हो गई है, लेकिन दस्तक देने के बाद मानसून महाराष्ट्र में सुस्त पड़ गया। पिछले 15 दिन से मानसून सुस्त है, जिस वजह से कई शहरों में तापमान ऊपर चढ़ा, लेकिन अब मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएं एक बार फिर गति पकड़ने जा रही हैं, जिसे असर से राज्य के कई हिस्सों में अगले कुछ दिन में मूसलधार बारिश हो सकती है।
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2 ताजा मौसमी प्रणालियां सक्रिय
मौसम विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र में इस समय 2 मौसम प्रणालियां एक्टिव हैं। तमिलनाडु से लेकर दक्षिण महाराष्ट्र तक एक ट्रफ लाइन (द्रोणीय रेखा) बनी हुई है। उत्तरी ओडिशा और आसपास के क्षेत्रों में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव हुआ है, जो अब दक्षिण महाराष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। इन दोनों मौसमी प्रणालियों के असर से राज्य में बारिश का दौर शुरू होने वाला है।
महाराष्ट्र मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 13 और 14 जून को कोंकण में 24 घंटों के भीतर 204.5 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो सकती है, जिसे ‘अति वृष्टि’ की श्रेणी में रखा जाता है। मध्य महाराष्ट्र में भी 64.5 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर के बीच बारिश होने की संभावना है। घाटमाथा (सह्याद्री पर्वतमाला) क्षेत्र में भारी वर्षा के चलते भूस्खलन होने और जलस्तर बढ़ने का खतरा बना हुआ है।
खासकर मुंबई-पुणे महामार्ग, कोंकण रेल मार्ग और घाट के अन्य मार्गों पर यात्रा करने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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किसानों के लिए फायदेमंद मानसून
मौसम विभाग ने प्रशासन को संभावित बाढ़, जलजमाव और अन्य आपात स्थितियों के लिए तैयार रहने को कहा है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक यात्रा करने से बचें और बारिश से संबंधित अलर्ट पर नजर बनाए रखें। वहीं अगले 5 दिन महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश का दौर खरीफ सीजन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, लेकिन यदि अतिवृष्टि होती है तो बीज बोवणी (बुवाई) में बाधा आने की भी आशंका है। कृषि विभाग ने किसानों से सतर्कता बरतने और मौसम पूर्वानुमान के अनुसार काम करने की अपील की है।