Entire Dhule Village Pepole head shaved: महाराष्ट्र के धुले जिले का अनोखा किस्सा सामने आया है। ज़िले के शिरपुर तालुके के बलदे गांव में चहेता बंदर की मौत होने से सदमे में पूरे गांव ने मुंडन किया और दशक्रिया संस्कार में भाग लिया। चहेते बंदर की मौत आवारा कुत्तों के हमले में गई थी। गांव में सालों से पल-बढ़ रहा एक बंदर लोगों का चहेता बन चुका था। बच्चे उसके साथ खेलते, बुज़ुर्ग उसे प्रसाद खिलाते और हर घर से उसका रिश्ता जुड़ा हुआ था, लेकिन कुछ दिन पहले आवारा कुत्तों ने उस बंदर पर हमला कर दिया और उसकी मौत हो गई।
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गांव में पसरा मातम, इंसानों जैसे संस्कार
बंदर की मौत की खबर सुनते ही गांव में मातम छा गया। लोगों ने कहा – “ये सिर्फ जानवर नहीं, हमारा परिवार था। इसके बाद पूरे ग्रामीणों ने सभी वही रीति रिवाज दोहराए जो इंसान की मौत पर किए जाते हैं। पूरे गांववासियों ने मुंडन कराया। पिंडदान किया और दशक्रिया अनुष्ठान में भाग लिया। गांव के हनुमान मंदिर में पूरे गांव ने इकट्ठा होकर बंदर को श्रद्धांजलि दी और उसकी तस्वीर पर फूल चढ़ाए।
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जानवरों के प्रति प्रेम की मिसाल
बलदे गाँव की ये घटना दिखाती है कि इंसानों के साथ-साथ जानवरों के लिए भी ग्रामीणों के दिल में करुणा, सम्मान और गहरा लगाव है। जहां अक्सर आवारा जानवरों से लोग दूरी बनाते हैं, वहीं बलदे गांव ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि “प्यार और दया सिर्फ इंसानों के लिए नहीं, बल्कि हर जीव के लिए है।” यह घटना अब पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई है। सोशल मीडिया पर लोग बलदे गांव की तारीफ करते हुए इसे “मानवता की असली मिसाल” बता रहे हैं।
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