Maharashtra New CM: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं। पूरे 6 दिन बीत जाने के बाद भी बीजेपी अभी तक प्रदेश में सीएम फेस तय नहीं कर पाई है। देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान कल होते-होते रह गया तो आज पूरे दिन कोई प्रतिक्रिया बीजेपी और शिवसेना की ओर से सामने नहीं आई। इधर महायुति के विधायको की आज होने वाली बैठक स्थगित हुई तो उधर एकनाथ शिंदे अपने गांव सतारा चले गए। इस बीच एनसीपी शरद गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने आज शिंदे से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि क्या शरद पवार फिर कोई खेला करने वाले हैं?
जितेद्र आव्हाड ने आज शरद पवार से उनके घर पर मुलाकात की, तो सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई कि 2019 की तरह शरद पवार एक बार फिर बीजेपी को विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर कर देंगे। मीटिंग के बाद बाहर आए जितेंद्र आव्हाड ने कहा मैं निजी काम की चर्चा के लिए सीएम के पास आया था। वहीं सीएम पद नहीं मिलने और एकनाथ शिंदे की नाराजगी के सवाल पर जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि शिंदे नाराज नहीं है। कोई उनका चेहरा देखकर नहीं बता सकता है कि वे नाराज हैं या खुश हैं।
शरद पवार का मैसेज लेकर शिंदे के पास पहुंचे आव्हाड!
बता दें कि आज महायुति की बैठक होनी थी, लेकिन बैठक स्थगित कर दी गई। सीएम शिंदे गृहनगर सतारा के लिए रवाना हो गए। इसके बाद विपक्ष ने दावा किया कि महायुति में सबकुछ ठीक नहीं है एकनाथ शिंदे नाराज होकर सतारा गए हैं। जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि वे अक्सर अपने गृह जिले सतारा जाते रहते हैं, इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। शिंदे के सतारा जाने पर आव्हाड का इस प्रकार से बयान देना भी सियासी गलियारों में कुछ होने का अंदेशा दे रहा है।
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महायुति में सब कुछ ठीक
उधर इस पूरे घटनाक्रम पर शिवसेना शिंदे गुट ने कहा ऐसा कुछ नहीं है, सब कुछ ठीक है। उन्होंने कल हमसे मुलाकात की है। अब वे आराम करने के मुड में हैं। कोई परेशान नहीं है। राजनीतिक पंडितों की माने तो ऐसा लग रहा है कि बीजेपी 2019 की तरह ही 2024 में भी खाली हाथ रह सकती है। वह 2019 में अविभाजित शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी, लेकिन परिणाम के बाद सीएम पद को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद उद्धव ठाकरे ने शरद पवार और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
2019 में शरद पवार ने किया था खेला
हालांकि 2024 की परिस्थितियां 2019 जैसी ही है, लेकिन शिवसेना और एनसीपी दो टुकड़ों में बंट चुकी हैं। पिछली बार बीजेपी सत्ता से काफी दूर थी, लेकिन 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इस बार बीजेपी को प्रचंड सीटें मिलीं हैं। पार्टी की विधानसभा में 132 सीटें हैं। जोकि बहुमत के आंकड़े से 13 कम है। ऐसे में अब देखना है कि क्या शरद पवार फिर क्यों खेला करते हैं या इस बार बीजेपी दूसरी बार प्रदेश में अपना सीएम बनवाएगी।
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