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मुंबई

Maharashtra: महायुति में असंतोष की चिंगारी, ‘भाजपा नेताओं की जुबान फिसली या सच उगला’

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में भीतर ही भीतर असंतोष की चिंगारी अब खुलकर सामने आने लगी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और देवेंद्र फडणवीस सरकार के मौजूदा मंत्री मंत्री गिरीश महाजन ने स्पष्ट कहा है कि पिछले ढाई साल भाजपा के लिए अच्छे नहीं रहे। उन्होंने यह भी माना कि कार्यकर्ताओं की मेहनत और नेतृत्व की स्पष्टता से ही आगामी चुनावों में पार्टी को जीत हासिल हो सकती है।

Author Written By: Vinod Jagdale Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jun 9, 2025 08:51
CM Devendra Fadnavis-Eknath Shinde
CM Devendra Fadnavis-Eknath Shinde

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में भीतर ही भीतर असंतोष की चिंगारी अब खुलकर सामने आने लगी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और देवेंद्र फडणवीस सरकार के मौजूदा मंत्री गिरीश महाजन ने स्पष्ट कहा है कि पिछले ढाई साल भाजपा के लिए अच्छे नहीं रहे। उन्होंने यह भी माना कि कार्यकर्ताओं की मेहनत और नेतृत्व की स्पष्टता से ही आगामी चुनावों में पार्टी को जीत हासिल हो सकती है। बता दें कि हाल ही में धाराशिव में हुए एक भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के विधायक और मंत्री नितेश राणे ने भी एक विवादास्पद बयान देकर राजनीति में हलचल मचा दी।

शिवसेना पर माना जा रहा अप्रत्यक्ष हमला

बता दें कि जलगांव में स्थानीय स्वराज संस्था चुनावों की तैयारी को लेकर आयोजित कार्यकर्ता बैठक में गिरीश महाजन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। हालांकि उन्होंने नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को शिवसेना पर अप्रत्यक्ष हमला माना जा रहा है, जो वर्तमान में भाजपा के साथ सत्ता में साझेदार है।

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मंत्री नितेश राणे ने क्या कहा?

इसी क्रम में हाल ही में धाराशिव में हुए एक भाजपा कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के विधायक और मंत्री नितेश राणे ने भी एक विवादास्पद बयान देकर राजनीति में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि सभी का बाप बनकर भाजपा का ही मुख्यमंत्री बैठा है, यह सभी को ध्यान में रखना चाहिए। 2029 में भाजपा के ही सभी विधायक चुने जाने चाहिएं। राणे ने आगे कहा कि कहीं भी ताकत दिखा लें, नाच लें, लेकिन देश में मोदी हैं और राज्य में फडणवीस हैं।

महायुति में भविष्य में गठबंधन की स्थिरता

इस बयान को भाजपा के सत्ता में एकाधिकार के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिससे सहयोगी दलों में नाराजगी स्वाभाविक है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि महायुति में फिलहाल भले ही सब कुछ सामान्य दिखे, लेकिन आंतरिक मतभेद और बयानबाजी भविष्य में गठबंधन की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर सकते हैं। विशेषकर जब स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।

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First published on: Jun 09, 2025 08:51 AM

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