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मुंबई

खांसी से परेशान था तीन साल का बच्चा, CT स्कैन की रिपोर्ट से डॉक्टर भी हुए परेशान, फेफड़े से निकला LED बल्व

महाराष्ट्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक साढ़े तीन साल के मासूम को महीनों से खांसी और सांस की तकलीफ हो रही थी। जब तमाम इलाजों के बाद भी राहत नहीं मिली, तो सीटी स्कैन में खुलासा हुआ कि उसकी सांस नली में एक धातु का टुकड़ा फंसा है। यह कोई साधारण चीज नहीं बल्कि एक खिलौना कार का LED बल्ब था, जिसे बच्चे ने खेल-खेल में निगल लिया था। पढ़ें मुंबई से अंकुश की रिपोर्ट

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Sep 10, 2025 14:20
Maharashtra Child LED Bulb
महाराष्ट्र में बच्चे के फेफड़े से निकला LED बल्ब

महाराष्ट्र से एक बेहद चौंकाने वाली और माता-पिता को सतर्क कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक बच्चे को कई महीनों से लगातार खांसी आ रही थी। खांसी से बच्चा परेशान हो गया था और परिवार के लोग भी तरह-तरह के इलाज से थक चुके थे। घरवाले पहले इसे एक साधारण परेशानी समझ रहे थे, लेकिन जब हालात में सुधार नहीं हुआ, तो वे एक डॉक्टर के पास गए, जहां उन्हें बेहद चौंकाने वाली जानकारी मिली।

दरअसल, साढ़े तीन साल के मासूम को महीनों से खांसी और सांस लेने में परेशानी हो रही थी। शुरुआती जांच में इसे निमोनिया समझकर बार-बार एंटीबायोटिक दी गईं, मगर राहत नहीं मिली। अंत में डॉक्टरों ने बच्चे का सीटी स्कैन कराने का फैसला लिया और जब रिपोर्ट आई, तो सबके होश उड़ गए। दरअसल, बच्चे की बाईं श्वसनी (Bronchus) में धातु का टुकड़ा फंसा था। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि यह कोई साधारण चीज नहीं, बल्कि खिलौना कार का एलईडी बल्ब था!

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कोल्हापुर से मुंबई तक का सफर

कोल्हापुर में ब्रोंकोस्कोपी से इसे निकालने की कोशिश की गई, लेकिन असफलता हाथ लगी। इसके बाद बच्चे को मुंबई के जसलोक अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने ब्रोंकोस्कोपी से श्वसनी में फंसे एलईडी बल्ब को निकालने की कोशिश की। यह एक खिलौने वाली कार का बल्ब था, जो खेल-खेल में बच्चे ने निगल लिया था। जसलोक अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने मिलकर एक छोटी थोरैकोटॉमी सर्जरी की और सफलतापूर्वक बल्ब बाहर निकाला।

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ऑपरेशन के बाद बच्चे की सांसें सामान्य हो गईं और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ बताया जा रहा है। बच्चे की नादानी और माता-पिता की थोड़ी सी लापरवाही के चलते पूरा परिवार परेशान हो गया था। यहां तक कि स्थानीय डॉक्टर भी इलाज करते-करते थक चुके थे। जब समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो पहले कोल्हापुर और फिर उसे मुंबई ले जाया गया।

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मुंबई में जांच के बाद बच्चे का एक छोटा ऑपरेशन किया गया। इसके बाद बच्चा अब सामान्य है, सांस लेने में उसे कोई परेशानी नहीं है और उसकी खांसी भी अब बंद हो चुकी है। इसे माता-पिता की लापरवाही माना जा रहा है। अगर वे सतर्क होते और बच्चे का सही ढंग से ध्यान रखते, तो इस तरह की परेशानी से बचा जा सकता था।

First published on: Sep 10, 2025 02:20 PM

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