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एकनाथ शिंदे ने दागी मंत्रियों को दिखाया बाहर का रास्ता, संजय राठौड़ कौन, क्यों मिला दोबारा मौका?

Maharashtra Cabinet Expansion : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बंपर जीत हासिल करने के बाद देवेंद्र फडणवीस को सत्ता की कमान मिल गई। महायुति कैबिनेट का विस्तार हो गया। एकनाथ शिंदे ने दागी मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद भी इस विधायक को दोबारा मौका क्यों मिला?

Reported By : Vinod Jagdale | Edited By : Deepak Pandey | Updated: Dec 15, 2024 17:37
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Sanjay Rathod
एकनाथ शिंदे और संजय राठौड़।

Maharashtra Cabinet Expansion : महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस कैबिनेट का विस्तार हो गया। महायुति के घटक दलों के विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के 11 मंत्रियों ने नागपुर में मंत्री पद की शपथ ली। नए चेहरे संजय शिरसाट, प्रताप सरनाईक, प्रकाश अबीटकर, भरत गोगावले, योगेश कदम, आशीष जयसवाल को मंत्रिपरिषद में जगह मिली तो दागी मंत्री अब्दुल सत्तार, तानाजी सावंत को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। दीपक केसरकर को नॉन परफॉरमेंस का कारण देकर हटाया गया, लेकिन एक नाम काफी चर्चा में रहा, वो हैं संजय राठौड़ का, जिन्होंने दागी होने और भाजपा के विरोध के बाद भी अपनी कुर्सी बचा ली।

शिंदे सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे तानाजी सावंत पर पद का दुरुपयोग कर बिना टेंडर के सैकड़ों करोड़ों रुपये के एंबुलेंस खरीदने का ठेका देने का आरोप लगा। दूसरे मंत्री अब्दुल सत्तार पर सार्वजनिक रूप से महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक बयान देने और जमीन हड़पने का आरोप लगा है। जब तानाजी सावंत और दीपक केसरकर को शुक्रवार को पता चला कि उन्हें मंत्री नहीं बनाया जा रहा, तब वो एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे। इस दौरान एकनाथ शिंदे ने दोनों विधायकों को 5 घंटे वेटिंग पर रखा और बाद में मुलाकात की।

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कौन हैं संजय राठौड़

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संजय राठौड़ यवतमाल की दिग्रस सीट से चौथी बार चुनाव जीते। पुणे की 22 वर्षीय टिकटॉक स्टार पूजा चव्हाण ने फरवरी 2021 में आत्महत्या की थी। इस मामले में तत्कालीन मंत्री संजय राठौड़ का नाम सामने आया था, तब भारतीय जनता पार्टी ने पूरे राज्यभर में राठौड़ के खिलाफ प्रदर्शन किया था। दबाव बढ़ने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्री राठौड़ से इस्तीफा ले लिया था।

भूखंड का श्रीखंड के मामले से भी जुड़ा नाम

संजय राठौड़ से भूखंड का श्रीखंड मामला भी जुड़ा था। राठौड़ ने अपनी निजी संस्था द्वारा सामाजिक कार्य के लिए सरकारी जमीन की मांग की थी। इसके बाद हरकत में आए सिडको ने एक साल में ही नवी मुंबई में 5600 वर्ग मीटर का भूखंड आवंटित कर दिया, जिसमें नियमों के उल्लंघन होने की बात सामने आई। मामले को बढ़ता देख संजय राठौड़ ने जमीन वापस करने की बात कर दी।

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पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने दे दी ये हिदायत

दरअसल, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पहले ही बता दिया था कि मंत्रिपरिषद में दागियों को मौका नहीं दिया जाएगा। इसके बाद संजय राठौड़ ने बंजारा समाज के महाराष्ट्र और राजस्थान के संत और मंहत को मुंबई में बुलाकर अपने मंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के पास लॉबिंग शुरू की। आखिरकार दोनों नेताओं ने विवादास्पद संजय राठौड़ को मंत्री बना ही दिया।

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Vinod Jagdale

First published on: Dec 15, 2024 05:15 PM

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