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मुंबई

छत्रपति संभाजीनगर में हिंदू नेता की एंट्री पर 5 अप्रैल तक प्रतिबंध, जानें क्या है वजह

मुगल शासक औरंगजेब को लेकर महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है। इसी बीच पूर्व विधायक और हिंदू नेता मिलिंद रमाकांत एकबोटे की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया गया है। आदेश में कहा गया है कि एकबोटे और उनके समर्थकों के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी कि वे औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए खुल्दाबाद आ सकते हैं।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 15, 2025 22:05
Milind Ekbote President of Dharmaveer Sambhaji Maharaj Pratishthan
धर्मवीर संभाजी महाराज प्रतिष्ठान के अध्यक्ष मिलिंद एकबोटे। (फोटो क्रेडिट X@MilindEkbote)

महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हालात औरंगजेब की कब्र को तोड़ने तक बन गई है। हिंदूवादी संगठनों के साथ धर्मवीर संभाजी महाराज फाउंडेशन सुर्खियों में आ गया है। दरअसल, धर्मवीर संभाजी महाराज फाउंडेशन के अध्यक्ष मिलिंद रमाकांत एकबोटे ने औरंगजेब की कब्र तोड़ने की चेतावनी दी थी। पुलिस ने धमकी के बाद पूर्व विधायक मिलिंद एकबोटे की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

मिलिंद एकबोटे पर 5 अप्रैल तक रोक

औरंगाबाद जिले के खुल्दाबाद में स्थित मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए कुछ संगठनों के आह्वान के बीच हिंदू नेता मिलिंद एकबोटे पर 16 मार्च से 5 अप्रैल तक छत्रपति संभाजीनगर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। एकबोटे और उनके समर्थक संभाजी नगर में कोई कार्यक्रम नहीं कर सकेंगे। गौरतलब है कि 29 मार्च को संभाजी महाराज की पुण्यतिथि है। डिप्टी रेजिडेंट कलेक्टर द्वारा शनिवार को जारी आदेश में कहा गया कि एकबोटे का संगठन धर्मवीर संभाजी महाराज प्रतिष्ठान हर साल पुणे में संभाजी महाराज को श्रद्धांजलि देता है और खुफिया जानकारी मिली है कि एकबोटे और उनके समर्थक औरंगजेब की कब्र को हटाने के लिए खुल्दाबाद आ सकते हैं।

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क्या कहा गया है आदेश में?

जिला प्रशासन के आदेश में कहा गया है कि फिल्म ‘छावा’ की रिलीज के बाद औरंगजेब की कब्र को लेकर कई लोगों के विचार एक्सट्रीम लेवल पर है। इसकी झलक सोशल मीडिया पोस्ट में देखी जा सकती है। बता दें कि फिल्म छावा रिलीज होने के बाद संभाजी महाराज की कहानी लोगों के सामने आई है। फिल्म छावा संभाजी महाराज की वीरता पर बनाई गई है।आदेश में कहा गया है कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने कब्र को हटाने की मांग को लेकर 17 मार्च से आंदोलन की योजना बनाई है। आदेश में आगे कहा गया है, ‘आंदोलन की योजना को देखते हुए जिला प्रशासन 17 मार्च से अप्रैल तक छत्रपति संभाजीनगर की सीमा में एकबोटे और उनके समर्थकों के प्रवेश पर रोक लगा रहा है।’

एकबोटे पर जातिगत दंगों को भड़काने का आरोप

बता दें कि एकबोटे पर 1 जनवरी 2018 को पुणे जिले के कोरेगांव भीमा में हुए जातिगत दंगों को भड़काने का आरोप है। उन्होंने बीजापुर के सेनापति अफजल खान की कब्र को हटाने के लिए किए गए आंदोलन में भी हिस्सा लिया था। अफलज खान को 1659 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने मार डाला था। यह कब्र सतारा के प्रतापगढ़ में स्थित है।

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औरंगजेब की कब्र तोड़ने की दी थी धमकी

फिल्म छावा देखने के बाद लोग संभाजी महाराज पर औरंगजेब की क्रूरता पर बात कर रहे हैं। लोगों में औरंगजेब के खिलाफ गुस्सा है। खासकर संभाजी नगर के लोग और संभाजी महाराज के विचारों का प्रचार-प्रसार करने वाले आक्रोशित हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि शहर में औरंगजेब की कब्र नहीं रहने देंगे। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमा गई है। महाराष्ट्र पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने औरंगजेब की मजार पर सुरक्षा बढ़ा दी है। अब उस स्थान पर एसआरपीएफ की एक टुकड़ी तैनात कर दी गई है। इसमें 15 पुलिसकर्मी होंगे और दो पुलिस अधिकारी भी कब्र की सुरक्षा करेंगे।

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Edited By

Satyadev Kumar

First published on: Mar 15, 2025 10:03 PM

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