महाराष्ट्र में शिवसेना यूबीटी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना यूबीटी के 25 वरिष्ठ नेता शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। ये सभी नेता बाला साहेब ठाकरे के समय से ही पार्टी से जुड़े थे। ये सभी नेता मुंबई के परेल और भोईवाड़ा इलाके के हैं। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में विश्वनाथ बुआ खटटे, विजय कलगुटकर और काशीताई कोली समेत कई नेता शामिल हैं। सभी नेता डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हुए।
बीएमसी में होगी वर्चस्व की लड़ाई
बता दें कि महाराष्ट्र में जल्द ही निकाय चुनाव होने हैं। इसमें बीएमसी का चुनाव भी शामिल हैं। पिछले काफी समय से बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा रहा है। ऐसे में इस बार जब शिवसेना के टुकड़े हो चुके हैं यह देखना दिलचस्प होगा कि उद्धव गुट यहां पर कैसा प्रदर्शन कर पाती है। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ही शिंदे गुट ने ऐलान किया था कि वे इस बार के बीएमसी चुनाव में जीत दर्ज करेंगे।
ये भी पढ़ेंः ‘मैं इतिहास बताने लगा तो महाराष्ट्र छोड़ना पड़ेगा’, प्रफुल्ल पटेल के तंज पर संजय राउत का पलटवार
बता दें कि नवंबर में महाराष्ट्र में हुए चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन ने बड़ी जीत दर्ज की थी। हालांकि उसके बाद सीएम पद को लेकर शिंदे और बीजेपी के बीच तनातनी देखने को मिली। चुनाव नतीजों के 20 दिन बाद देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली।
निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी पार्टियां
हालांकि अब प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं। महाविकास अघाड़ी में गठबंधन को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हो पाया है। हां महायुति में गठबंधन को लेकर बातचीत जारी है। इस बीच प्रदेश में वक्फ बिल को काफी गहमागहमी है। उद्धव गुट वक्फ बिल के विरोध में उतरकर मुस्लिमों की सहानुभूति दर्ज करने में जुटा है। जबकि शिंदे गुट गरीब मुस्लिमों को इस बिल के फायदे बता रहा है।
ये भी पढ़ेंः जुमलेबाजी बंद करें, हिंदुत्व हमने छोड़ा है या आपने? उद्धव ठाकरे का भाजपा पर तीखा तंज