Ujjain Misdeed Case, उज्जैन: मध्य प्रदेश में स्थित बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन की इन दिनों एक अलग ही तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर बेहद घिनौनी है। इसे देखकर तो हर कोई यही कहता नजर आ रहा है कि महाकाल की नगरी के बाशिंदों का जमीर मर चुका है। दसअसल, बलात्कार के बाद 12 साल की लड़की खून से सने कपड़ों से दर-दर भटकती नजर आई। 8 किलोमीटर तक वह दो कॉलोनियों, दो ढाबों और एक टोल बैरियर से भी गुजरी, लेकिन किसी ने उसकी वो मदद नहीं की, जिसकी उसे जरूरत थी। हालांकि 10-20, 50 या 100 रुपए की खैरात देकर आगे चलता जरूर कर दिया। अब इस मामले में पुलिस भी बड़ा ही अटपटा बयान दे रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है, ‘लोगों की भी अपनी मजबूरी है। जिससे जो बन पड़ा उन्होंने लड़की की मदद की’।
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सोमवार को महाकाल थाने के इलाके में सड़क किनारे खून से लथपथ मिली थी 12 साल की लड़की, अस्पताल में जाकर हुई रेप की पुष्टि
हैवानियत भरी यह घटना बीते सोमवार को सामने आई थी, जब 12 साल की एक लड़की उज्जैन के महाकाल थाना क्षेत्र में सड़क किनारे खून से लथपथ हालत में मिली थी। आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया तो चेकअप में उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस 38 साल के एक ऑटो ड्राइवर को गिरफ्तार किया है, साथ ही 3 और को भी हिरासत में लेकर पूछताछ का क्रम जारी है। इस बारे में पुलिस अधिकारियों की मानें तो दरिंदगी की शिकार यह लड़की जीवनखेड़ी इलाके में ऑटो में सवार हुई थी। सीसीटीवी फुटेज से इसकी पुष्टि होने के बाद ऑटो ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया और जांच आगे बढ़ाई गई तो ऑटो पर खून के धब्बे लगे मिले मिले हैं। हालांकि फिलहाल इस इस सबूत की फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट आनी बाकी है।
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इसी के साथ पुलिस ने 8 किलोमीटर तक के तमाम सीसीटीवी फुटेज को जांच में शामिल कर लिया है, जहां से पीड़िता मदद की गुहार लगाते हुए गुजरी थी। कितनी शर्मनाक बात है कि सीसीटीवी फुटेज में एक अर्द्धनग्न लड़की दर-दर भटकती दिखाई दे रही है। वह चलती जा रही है, खून टपकता जा रहा है, लेकिन बावजूद इसके मदद की बजाय मर चुके जमीर वाला एक शख्स उसे आगे बढ़ने का इशारा कर डालता है।
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इस मामले में मीडिया ने उज्जैन के पुलिस अधीक्षक (SP) सचिन शर्मा से सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘यहां पीड़िता को मदद के लिए जो प्रतिक्रिया देखने को मिली है, वह मिली-जुली है। जिनसे लड़की ने मदद की गुहार लगाई थी, उनमें से कुछ स्थानीय लोगों ने उसे 50 रुपए तो कुछ ने 100 रुपए दिए हैं। जब वह लड़की टोल बूथ से गुजर रही थी तब वहां के स्टाफ ने उसको पैसे और कुछ कपड़े दिए थे। पीड़िता की कम से कम 7-8 लोगों ने मदद करने का प्रयास किया है’।
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उधर, इस मामले में बड़ी बात यह है कि पैसे की बजाय पीड़िता को डॉक्टरी सहायता की जरूरत ज्यादा थी। इस संबंधी सवाल पर पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘लोगों की अपनी मजबूरियां होती हैं, लेकिन फिर भी जितना उनसे हो सका उतनी आर्थिक मदद उन्होंने की है’। दूसरी ओर पुलिस अधिकारी ने पीड़ित लड़की के द्वारा सिर्फ मदद की गुहार ही नहीं लगाई गई, बल्कि वह किसी के द्वारा उसका पीछा किए जाने की बात भी बता रही थी।
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