HIV Positive Blood Transfusion Case: मध्य प्रदेश के सतना जिले में सरकारी अस्पताल में थैलेसिमिया पीड़ित 6 बच्चों को HIV पॉजिटिव ब्लड चढ़ा दिया गया था. मामले में हेल्थ डिपार्टमेंट ने कार्रवाई की है. सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी एवं पैथोलॉजिस्ट डॉ देवेन्द्र पटेल और 2 लैब टेक्निशियन राम भाई त्रिपाठी और नंदलाल पांडे को निलंबित किया गया है. साथ ही अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन डॉ मनोज शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
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जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई
बता दें कि विभाग ने सभी आरोपियों को कड़ी विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी है. डॉ योगेश भरसट (CEO आयुष्मान भारत) की अध्यक्षता में गठित 7 सदस्यीय जांच समिति की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई हुई है. यह कमेटी मामला सामने आने के बाद गत 16 दिसंबर को गठित की गई थी. दूसरी ओर, पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए ब्लड की अवैध दलाली करने वाले गिरोह पर शिकंजा कसते हुए पुलिस ने 2 आरोपियों को रंगे हाथों गिरफ्तार भी किया है.
HIV टेस्ट किए बिना चढ़ा दिया ब्लड
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल जांच समिति को बताया कि ब्लड डोनर अपनी इच्छा से रक्तदान करके जाते है और डोनेट हुए ब्लड थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को चढ़ाया जाता है. ब्लड बैंक कर्मियों ने डॉक्टरों को ब्लड दिया और उन्होंने HIV टेस्ट किए बिना ब्लड चढ़ा दिया, जिस वजह से बच्चे HIV पॉजिटिव हो गए. उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है. करीब 6 यूनिट ब्लड HIV पॉजिटिव था, जिससे 6 बच्चे पीड़ित हुए. लापरवाही डॉक्टरों की तरफ से बरती गई, जो बिना जांच किए ब्लड चढ़ा दिया.
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अब तक ट्रेस नहीं हुए हैं ब्लड डोनर्स
मिली जानकारी के अनुसार, ब्लड बैंक से ब्लड लेकर न केवल बच्चों को, बल्कि कई गर्भवती महिलाओं को भी चढ़ाया गया है, लेकिन अभी तक उनके बारे में पता नहीं चला है. HIV पॉजिटिव ब्लड डोनेट करने वाले लोग भी ट्रेस नहीं हो पाए हैं. ICTC सेंटर ने भी इस मामले में ध्यान नहीं दिया, जबकि मामला करीब 4 महीने पहले सामने आ चुका था. एक नहीं कई लेवल पर लापरवाही बरती गई है, जिसके चलते कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार ने CMO से पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है.









