MP Politics: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही अभी 6 महीने का वक्त बचा हुआ है। लेकिन प्रदेश की सियासत में दांव पैंच लगने शुरू हो गए हैं। कांग्रेस ने चुनाव से पहले अब एक बड़ा दाव खेला है। जिसका फायदा पार्टी को विधानसभा चुनाव में हो सकता है। मध्य प्रदेश में प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है। पार्टी के अध्यक्ष ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है।
कांग्रेस में विलय हुई प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी
दरअसल, मालवा अंचल के कुछ जिलों में प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी का प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह कदम अहम साबित हो सकता है। प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमल सिंह चौहान ने अपनी पार्टी का कांग्रेस विलय करते हुए कांग्रेस की सदस्यता ले ली। कमल सिंह चौहान के साथ उनके कई समर्थक भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं।
मालवा की कई सीटों पर प्रभाव
बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में देवास जिले की आष्टा विधानसभा सीट पर प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी के प्रत्याशी ने 25 हजार वोट निकाले थे। जबकि अन्य कई सीटों पर भी इस पार्टी के प्रत्याशी को अच्छे-खासे वोट मिले थे। क्योंकि सीहोर, देवास और आगर-मालवा जिलों में बलाई समाज का प्रभाव है, जिसमें प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी का असर है, जिसका फायदा चुनाव में कांग्रेस उठाना चाहेगी।
अध्यक्ष को मिल सकता है टिकट
वहीं कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद कमल सिंह चौहान ने बीजेपी और सीएम शिवराज पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिर्फ घोषणा करते हैं। कर्नाटक जाकर झूठ बोलते हैं, ऐसे में आप लोगों को तय करना है प्रदेश का विकास कैसा होना चाहिए। आपने लोगों ने समझाया अब दूसरों को भी समझाइए, अगले 6 महीने बाद युवाओं और किसानों का भविष्य तय होगा। बता दें कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में कमल सिंह चौहान को किसी सीट से चुनाव भी लड़ा सकती है।