MP Politics: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ग्वालियर में रैली करके कांग्रेस के चुनावी अभियान का बिगुल फूंक दिया। लेकिन कांग्रेस की इस रैली पर बीजेपी ने एकजुटता और परिवारवाद का मुद्दा उठाकर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
दिग्विजय सिंह ने नहीं दिया संबोधन
दरअसल, ग्वालियर में प्रियंका गांधी की सभा में कांग्रेसी एकजुटता पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। बीजेपी ने यह सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रियंका गांधी की जन आक्रोश सभा में दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के अन्य दिग्गज नेताओं को मंच से बोलने का मौका ही नहीं मिला, तो बीजेपी ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लपक लिया। बीजेपी कांग्रेसी एकजुटता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए इसे कांग्रेस की आपसी गुटबाजी, वंशवाद और परिवारवाद की सियासत बता रही है।
कई नेताओं को नहीं मिला बोलने का मौका
कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की रैली में कांग्रेस के सभी दिग्गज नेताओं ने मंच पर एकजुटता दिखाने की भी भरसक कोशिश की। लेकिन यह एकजुटता उस वक्त सवालों के घेरे में आ गई जब सभा में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ को तो बोलने का मौका दिया गया। लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस की रीड की हड्डी कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को इस मंच पर बोलने का मौका ही नहीं दिया गया। हालांकि नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह को बोलने का मौका मिला लेकिन उन्हें भी रोका टोका गया। खुद पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और कोषाध्यक्ष अशोक सिंह ने जब डॉ गोविंद सिंह भाषण दे रहे थे तब उन्हें रोकने की कोशिश की थी, इस पर उन्होंने विरोध भी जाहिर किया। जिससे पूरा मामला गर्मा गया।
मंच पर मौजूद थे कई दिग्गज नेता
प्रियंका गांधी की सभा में दिग्विजय सिंह के अलावा पीसीसी चीफ अरुण यादव, सुरेश पचौरी, अजय सिंह, रामनिवास रावत, कांतिलाल भूरिया जैसे दिग्गज नेता भी शामिल थे। लेकिन इन्हें मंच पर चुनावी सभा में प्रियंका गांधी के सामने अपनी बात रखने का मौका ही नहीं मिला। जिससे बीजेपी को कांग्रेस की एकजुटता पर सवाल उठाने का मौका मिल गया।
सिंधिया समर्थक मंत्रियों ने साधा निशाना
इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक शिवराज सरकार के मंत्रियों ने कांग्रेस पर निशाना साधा। मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने इसे परिवारवाद बताते हुए कहा कि कांग्रेस परिवारवाद के चलते खत्म हो रही है, कांग्रेस में परिवारवाद हमेशा झलकता है। प्रियंका गांधी की रैली में भी यही देखने को मिला। मंत्री ओपीएस भदौरिया ने कहा कि कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा हो रही है, कांग्रेस को सत्ता में लाने वाले वरिष्ठ नेताओं को दूर किया जा रहा है। दिग्विजय सिंह के साथ मेरी सहानुभूति है, शायद उन्हें कुछ समझ आएगा।
कांग्रेस का पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने भी पलटवार किया। कांग्रेस नेता अब्बास हाफिज ने कहा कि प्रियंका गांधी की सभा के बाद से बीजेपी के नेताओं को डर लगने लगा है, दिग्विजय सिंह पहले ही कह चुके हैं कि जब भी किसी जगह पर गांधी परिवार से कोई व्यक्ति होता है, तब वह मंच से भाषण नहीं देते हैं। प्रियंका गांधी की सभा में ग्वालियर चंबल अंचल के साथ ही प्रदेश में सरकार बनाने का संकल्प दिलाया है, जिसको लेकर हमारे सभी नेता तैयार हैं। बीजेपी इस तरह के मामलों को मुद्दा बना कर सिर्फ खोखली राजनीति कर रहे हैं।
कुल मिलाकर प्रियंका गांधी की चुनावी सभा में वरिष्ठ नेताओं के मंच पर ना बोलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। चुनावी माहौल में दिग्विजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी कहीं कांग्रेस को भारी न पड़ जाए?। फिलहाल प्रियंका गांधी की चुनावी सभा में दिग्विजय सिंह और अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ हुए व्यवहार पर बीजेपी जमकर मजे ले रही है।
कांग्रेस नेताओं की आपस में चल रही रस्साकशी के माहौल के बीच वह अपने लिए सुनहरा अवसर ढूंढ रही है। ग्वालियर चंबल अंचल में कांग्रेस ने दमखम दिखाने के लिए प्रियंका गांधी की चुनावी जनसभा बुलाई थी लेकिन नेताओं के बीच हुई आपसी गुटबाजी ने कांग्रेस की अंतर कलह को सबके बीच उजागर करके रख दिया है।
ग्वालियर से कर्ण मिश्रा की रिपोर्ट