MP Politics: मध्य प्रदेश में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में प्रदेश में कास्ट पॉलिटिक्स हावी होती दिख रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता अरुण यादव ने मध्य प्रदेश में जातिगत जनगणना की मांग उठाई है। जिससे प्रदेश की सियासत भी गर्माती नजर आ रही है।
जातिगत जनगणना होनी चाहिए: अरुण यादव
कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद अरुण यादव ने कहा कि ‘मध्य प्रदेश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए, मनमोहन सरकार के समय जातिगत जनगणना का काम किया था, सिर्फ रिपोर्ट जारी करना थी। लेकिन पिछले 10 साल में सरकार ने कुछ नहीं किया है। पिछले 9 साल में मोदी सरकार ने क्या किया वह बताएं। जातिगत जनगणना के लिए हमने जो किया उस पर भी रोक लगाई गई। आखिर आंकड़े जारी क्यो नहीं किए जा रहे। लेकिन मध्य प्रदेश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए।’
अरुण यादव ने कहा कि ‘राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनता से जुड़े इस मुद्दे को उठाया है, क्योंकि पीएम मोदी पिछड़े वर्ग की बात तो करते हैं, लेकिन सरकार ने किया क्या है, इसके बारे में नहीं बताते है। लेकिन सरकार को इन सबकी जानकारी देनी होगी।’
टिकट वितरण में भी लागू होगा फॉर्मूला
खास बात यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भी जातिगत आधार पर टिकट वितरण की प्रक्रिया बना सकती है। कमलनाथ के घर हुई कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं के बीच इन सब मुद्दों पर चर्चा हुई है। अरुण यादव ने कहा कि ‘हर जाति को ध्यान में रखते हुए ही टिकट वितरण किया जाएगा। आरक्षण के हिसाब से हम टिकट देने का प्रयास करेंगे, इसके लिए कमलनाथ से चर्चा हो रही है। 50 परसेंट एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण देने की बात हुई है, हमारी पार्टी में किसी भी जाति को नाराज नहीं किया जाएगा।’
कांग्रेस की बड़ी बैठक
बता दें कि कल देर रात मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ट नेताओं के बीच बड़ी बैठक हुई थी। जिसमें कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव सहित सभी नेता शामिल हुए थे, जिसमें वचन पत्र, प्रत्याशी चयन से लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी।