MP News: सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित मीना समाज के प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में बना ऐलान किया है। सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में मीना समाज का कल्याण बोर्ड बनेगा। जिसका नाम मीनेश कल्याण बोर्ड होगा। इसके अलावा भी कार्यक्रम में सीएम ने मीना समाज के लिए कई बड़ी घोषणाएं की हैं।
अध्यक्ष को मिलेगा मंत्री का दर्जा
सीएम शिवराज ने कहा कि ‘किसी भी समाज की प्रगति से प्रदेश और देश की प्रगति भी स्वमेव होती है। इस नाते प्रत्येक समाज को प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति करने के लिए सजग और सक्रिय रहना आवश्यक है। मध्यप्रदेश सरकार मीना समाज को विभिन्न क्षेत्र में उन्नति के अवसर उपलब्ध करवाएगी। मीना समाज के लिए जय मीनेश कल्याण बोर्ड बनाया जाएगा। इस बोर्ड में अध्यक्ष सहित चार सदस्य होंगे। अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। मध्यप्रदेश की ओबीसी सूची में आवश्यक संशोधन करेंगे। भोपाल में समाज के निर्माणाधीन छात्रावास भवन का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा। भगवान मीनेश की जयंती पर ऐच्छिक अवकाश होगा।’
सीएम ने कहा कि ‘किसान-कल्याण योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में छोटे और सीमांत किसानों को प्रतिमाह राशि प्राप्त हो रही है। मीना समाज सहित अन्य समाज बंधुओं को भी इसका लाभ मिल रहा है। कृषि कार्य से जुड़े लोगों को पहले लिए गए ऋण के ब्याज से राहत देने का कार्य भी किया गया है। यही नहीं सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से कृषि कार्य को फायदे का धन्धा बनाने का ठोस कार्य मध्यप्रदेश में हुआ है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के प्रावधानों में संशोधन कर ट्रेक्टर रखने वाले परिवारों को भी लाभान्वित करने की पहल की गई है। यह सभी योजनाएँ निम्न – मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए लाभकारी हैं।’
किसानों को मिलेगी सुविधाएं
सीएम ने कहा कि ‘मीना समाज को शिक्षा, कृषि, व्यवसाय, तकनीकी प्रशिक्षण और स्व-रोजगार के क्षेत्र में आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। आज सिर्फ कृषि कार्य पर निर्भर होकर आसानी से जीविका नहीं चलाई जा सकती। डेयरी व्यवसाय, सब्जी उत्पादन, फलोत्पादन आदि से आय बढ़ाना आवश्यक है। युवाओं का रूझान व्यवसाय और उद्योगों की ओर बढ़ना चाहिए। राज्य शासन ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति के माध्यम से युवाओं को 50 लाख रुपए तक की राशि औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है।’
‘इसके लिए ब्याज में छूट और शासन की गारंटी का लाभ भी मिलता है। कक्षा 12 उत्तीर्ण और स्नातक उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं को सीखो-कमाओ योजना में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करने की सुविधा दी जा रही है। इन युवाओं को हुनर सीखने के साथ ही शिष्यवृत्ति भी दी जाएगी।’