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CM शिवराज ने दो नए जिलों की घोषणा, MP में 67 साल में बने इतने नए जिले, यहां से भी उठ रही मांग

MP News: मध्य प्रदेश में चुनावी साल में नए जिलों की गूंज सबसे ज्यादा सुनाई दे रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी साल में मध्य प्रदेश में दो नए जिले बनाने की घोषणा कर चुके हैं। जिनमें से एक जिला 15 अगस्त से अस्तित्व में भी आ जाएगा। लेकिन इस बीच कई और क्षेत्रों […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Jul 24, 2023 11:45
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madhya pradesh new district
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MP News: मध्य प्रदेश में चुनावी साल में नए जिलों की गूंज सबसे ज्यादा सुनाई दे रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनावी साल में मध्य प्रदेश में दो नए जिले बनाने की घोषणा कर चुके हैं। जिनमें से एक जिला 15 अगस्त से अस्तित्व में भी आ जाएगा। लेकिन इस बीच कई और क्षेत्रों से भी जिला बनाने की मांग उठ रही है। जिससे माना जा रहा है कि अभी प्रदेश में और नए जिले बनाने की घोषणा हो सकती है।

मऊगंज और नागदा बनेंगे नए जिले

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 4 मार्च को रीवा जिले से अलग करके के मऊगंज को नया जिला बनाने की घोषणा की थी। जबकि 20 जुलाई को उज्जैन से अलग कर नागदा को प्रदेश का 54वां जिला बनाने की घोषणा की है। लेकिन अभी करीब दर्जनभर इलाकों से नया जिला बनाए जाने की मांग उठ रही है। जिसमें सतना जिले में मैहर, गुना जिले में चाचौड़ा और छिंदवाड़ा जिले में पांढुर्ना को जिला बनाने की मांग चल रही है।

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67 साल में बने इतने जिले

1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश अस्तित्व में आया था। तब प्रदेश में छत्तीसगढ़ तक को मिलाकर कुल 43 जिले हुआ करते थे। 1972 से नए जिलों के गठन की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले सीहोर से अलग करके भोपाल को नया जिला बनाया जो राज्य की राजधानी भी बना। इसके अलावा दुर्ग से अलग कर राजनांदगांव को नया जिला बनाया गया था। 1998 तक प्रदेश में कुल 16 नए जिले बने थे। जिससे मध्य प्रदेश में जिलों की कुल संख्या 61 हो गई थी। इसके बाद साल 2000 में छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना। जिसमें 16 जिले शामिल किए गए। इस तरह मध्यप्रदेश में जिलों की संख्या घटकर 45 रह गई थी।

चुनावी साल में बनते गए नए जिले

  • छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद मध्य प्रदेश में हर चुनावी साल में नए जिले बनाने का दौर जारी रहा। 2003 के विधानसभा चुनाव के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने शहडोल से अलग करके अनूपपुर, खंडवा से अलग करके बुरहानपुर और गुना से अलग करके अशोकनगर को जिला बनाया। इस तरह जिलों की संख्या 45 से बढ़कर 48 हो गई।
  • 2008 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर दो नए जिले बनाए। जिसमें झाबुआ जिले अलग करके अलीराजपुर को जिला बनाया। जबकि सीधी जिले से अलग करके सिंगरौली को नया जिला बनाया। इस तरह से जिलों की संख्या 48 से बढ़कर 50 हो गई।
  • 2013 में सीएम शिवराज ने शाजापुर जिले से अलग करके आगर-मालवा को नया जिला बनाया। जो प्रदेश का 51वां जिला था। इसके बाद 2018 के चुनाव से पहले टीकमगढ़ से अलग करके निवाड़ी को नया जिला बनाया गया था। इस तरह से प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 52 हो गई थी। जबकि दो नए जिलों की घोषणा के बाद प्रदेश के कुल जिलों की संख्या 54 हो जाएगी।

अब यहां से उठ रही मांग

फिलहाल कई और जिलों को तोड़कर नए जिलों की मांग उठ रही है। जिनमें सोनकच्छ, कन्नौद, खातेगांव, बागली, लवकुश नगर, सिरोंज, बीना, जावरा, ओंकारेश्वर-बड़वाह को नया जिला बनाने की मांग की जा रही है। यानि प्रदेश में कई और जिले बनाने की मांग अब जोर पकड़नी तय मानी जा रही है।

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Arpit Pandey

First published on: Jul 24, 2023 11:45 AM

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