मध्य प्रदेश में अब स्मार्ट सिटी के बाद ग्रीन फील्ड सिटी बसाने का प्लान है। इससे लोगों को रोजगार के नए अवसर के साथ-साथ उद्योगों को इकोनॉमिक कॉरिडोर का लाभ मिलेगा। इन शहरों में रोड, पानी, बिजली, रेलवे लाइन, अस्पताल, स्कूल, सोलर सिस्टम और ग्रीनरी समेत अन्य सुविधाएं होंगी। इन शहरों को बसाने के लिए अथॉरिटी बनेगी, जिससे ग्रीन फील्ड शहर के विकास में जरूरी परमिशन आसानी से मिल पाएगी।
मध्य प्रदेश में ग्रीन फील्ड शहर बसाने के लिए राज्य सरकार करीब 50 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके तहत नई सिटी से पुरानी सिटीज तक बेहतर रोड कनेक्टिविटी के लिए फोरलेन रोड बनाई जाएंगी। इसमें इन्वेस्टर, किसान और सरकार मिलकर शहर का विकास करेंगे। इन शहरों में सोलर सिस्टम, कवर्ड कॉलोनी, ग्रीन इंडस्ट्रियल एरिया, बाजार, मॉल, स्कूल, अस्पताल, मनोरंजन जैसी सुविधाएं होंगी। इन शहरों में 30% जमीन ग्रीनरी के लिए रिजर्व रहेगी।
रतलाम और पीथमपुर में बनेंगे नए शहर
एमपी सरकार प्रदेश में नए ग्रीन फील्ड शहर बसाने की दिशा में काम कर रही है। इन शहरों के विकास से करीब 5 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
सीहोर के पास बनेगा ग्रीन फील्ड शहर
सीहोर जिले के पास नया ग्रीन फील्ड शहर विकसित किया जाएगा। यहां अच्छी मात्रा में शुगर मिल की जमीन है। इसके साथ ही मंडीदीप और अब्दुल्लागंज के बीच और जबलपुर और कटनी के बीच भी 1-1 शहर होंगे।
इकोनॉमिक कॉरिडोर के आसपास बसेंगी सिटी
रतलाम और पीथमपुर में नया शहर इंडस्ट्रियल सिटी के रूप में बसाया जाएगा। दरअसल, यहां 2 इकोनॉमिक कॉरिडोर निकल रहे हैं। पहला तो इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर और दूसरा दिल्ली-मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस-वे है। ऐसे में दोनों रोड के साइड नए ग्रीन फील्ड शहर बसाए जाएंगे। इन शहरों को इकोनॉमिक कॉरिडोर का लाभ मिलेगा।
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