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मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के धार में बनेगा डायनासोर नेशनल पार्क, पर्यटकों की संख्या में होगी बढ़ोतरी

मध्य प्रदेश के धार जिले में जल्द ही डायनासोर नेशनल पार्क का निर्माण किया जाएगा। यह पार्क उन क्षेत्रों में विकसित किया जाएगा, जहां वैज्ञानिकों को डायनासोर के अंडों के अवशेष मिले हैं। इसके अलावा, धार जिले में मौजूद सरदारपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को भी विकसित करने की योजना है।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Mar 18, 2025 11:25
Dinosaur National Park
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मध्य प्रदेश के धार जिले में डायनासोर नेशनल पार्क बनाया जाएगा। इसके साथ ही सरदारपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का भी निर्माण किया जाएगा। बता दें, धार जिले के बाग तहसील में डायनासोर नेशनल पार्क बनेगा। इस पार्क के चारों ओर बोरकुरी, रिसावाला, पाडलिया और गंगकुई (जामनियापुरा) ग्राम हैं। यह नेशनल पार्क भी अन्य नेशनल पार्कों की तरह इको-सेंसिटिव ज़ोन के अंतर्गत है। यह क्षेत्र वाइल्डलाइफ रिजर्व और पर्यावरण की दृष्टि से भी संरक्षित क्षेत्र है। यह नेशनल पार्क भोपाल और मेघनगर रोड के बीच में होगा। मेघनगर रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी 95 किलोमीटर होगी, जबकि इंदौर रेलवे स्टेशन से 152 किलोमीटर और भोपाल रेलवे स्टेशन से दूरी 350 किलोमीटर होगी।

पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी

इस नेशनल पार्क के आसपास बड़केश्वर महादेव मंदिर, हनुमान मंदिर, ऐतिहासिक बाग गुफाएं और किले हैं, जो पर्यटकों को यहां आने के लिए आकर्षित करेंगे। इस नेशनल पार्क में शीशम, नीम, आंवला समेत हजारों प्रजातियों के आयुर्वेदिक और औषधीय पेड़ होंगे। वहीं सियार, लोमड़ी जैसे वन्य जीव भी होंगे।

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कब घूमने जा सकते हैं?

पर्यटकों की दृष्टि से भी यह पार्क सबको लुभाएगा। यहां सालाना 15 हजार से अधिक पर्यटक आते हैं। पार्क बन जाने के बाद पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होगी। इस क्षेत्र में घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर दिसंबर तक का होता है। उस समय 3-4 गुना अधिक पर्यटक आते हैं। छुट्टी वाले दिनों में संख्या बढ़ जाती है।

आदिवासी समाज को मिलेगा रोजगार

डायनासोर नेशनल पार्क को बनाते समय इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा कि आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन न हो। क्योंकि इस क्षेत्र में आदिवासी काफी ज्यादा संख्या में हैं। इसलिए उनकी परंपरा, त्योहार, उत्सव आदि का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पार्क के जरिए नेचर कंजर्वेशन का खास ध्यान रखा जाएगा। पार्क के पास ऐसी गतिविधियां चलाई जाएंगी जिससे प्रकृति को भी नुकसान न पहुंचे। इसके बनने से आदिवासी समाज को भी रोजगार मिल सकेगा। क्षेत्र में बाग प्रिंट को बढ़ावा दिया जाएगा और युवाओं का स्किल डेवलपमेंट किया जाएगा।

सेंचुरी में मिलने वाले वन्यजीव

इसके अलावा सरदारपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी पर भी विस्तार से चर्चा हुई। यह वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी इको-सेंसिटिव ज़ोन के अंतर्गत होगी। इस वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में अलग-अलग प्रकार के वन्यजीव जैसे लोमड़ी, बंदर, लंगूर, सियार सहित विभिन्न प्रकार के पक्षी भी होंगे। विशेषकर खरमोर पक्षी का संरक्षण किया जाएगा। इस क्षेत्र में खरमोर पक्षी विशेष रूप से पाए जाते हैं। यहां टीक, बबूल, पलाश, अंजन जैसे कई पेड़-पौधों की विशाल श्रृंखला होगी। सेंचुरी में पर्यावरण का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पर्यटकों को आकर्षित करने के विशेष प्रयास किए जाएंगे। मालवा और निमाड़ की दृष्टि से सरदारपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी महत्वपूर्ण केंद्र साबित होगा। यह जूलॉजी के स्टूडेंट्स के सीखने के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Mar 18, 2025 11:25 AM

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