मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा के कोयलांचल इलाके में जानलेवा कफ सिरप पीकर बच्चों की मौत हो रही हैं. यहां अब तक छह मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है. इस घटना से हड़कंप मचने के बाद से बच्चों की मौत का कारण ढूंढा गया तो जांच में कफ सिरप को जिम्मेदार पाया गया. इन दवाओं के सेवन से बच्चों की किडनी खराब हो रही है. दरअसल, जिन बच्चों को सर्दी-खांसी की शिकायत होती थी, उन्हें ये सिरप दिया जा रहा था. इससे ही उनकी मौत हुई है. भोपाल में भी 2 दवा पर बैन लगा दिया गया है.
भोपाल में बैन 2 कफ सिरप
भोपाल में भी स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट मोड पर काम करते हुए 2 कफ सिरप को बैन कर दिया है. प्रशासन ने कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रॉस डीएस कफ सिरप के बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मनीष शर्मा ने बताया कि भोपाल में दोनों कफ सिरप प्रतिबंधित रहेंगे. इन दवाओं की सप्लाई भोपाल के स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं होती है. इसके लिए भोपाल के निजी मेडिकलों में भी अभियान चलाए जाएंगे.
कब सामने आया था पहला मामला?
कफ सिरप से मौत के मामले 20 सितंबर को अचानक सामने आए. परासिया, उमरेठ, जाटाछापर, बड़कुही के आसपास के इलाकों में छोटे बच्चों को बुखार और सर्दी की शिकायत हुई थी. इसके लिए परिजनों ने पास की दुकानों से दवा खरीदी और बच्चों को पिलाई थी. इसके बाद बच्चों की तबीयत खराब हुई और उन्हें भर्ती करवाया गया. नागपुर में भी एक बच्चे की मौत हुई थी.
कैसे हुआ खुलासा?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, छिंदवाड़ा के कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने बताया कि बच्चों की मौत संक्रमण या महामारी की वजह से नहीं हुई थी. इसलिए, बच्चों के ब्लड सैंपल की जांच की गई. उन रिपोर्ट्स में भी किसी वायरस या बैक्टीरिया की पुष्टि नहीं हुई फिर ICMR दिल्ली और भोपाल की टीम ने जांच की और बच्चों की बायोप्सी करवाई. उनकी रिपोर्ट में पाया गया कि बच्चों की किडनी कफ सिरप से बिगड़ी है.
जारी हुई एडवाइजरी
सभी माता-पिता को प्रशासन ने एडवाइजरी जारी कर सलाह दी है कि वे बच्चों को बुखार या थोड़ी भी तबीयत खराब होने पर उन्हें बिना परामर्श के दवा न दें. सभी से अनुरोध किया गया है कि वे बच्चों के इलाज के लिए सिर्फ सरकारी अस्पताल ही जाएं.
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