MP Assembly Election: एमपी में भले ही विधानसभा चुनाव का ऐलान होने में अभी तीन महीने का समय बचा है। लेकिन सत्ताधारी बीजेपी अभी से हर वर्ग को साधने के प्रयास में जुटी है। मंगलवार से बीजेपी का मध्य प्रदेश में मेगा प्लान शुरू हो रहा है।
दलित वर्ग पर बढ़ाया फोकस
बीजेपी इस बार मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग और दलित वर्ग पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है। क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन्ही वर्गों की वजह से नुकसान उठाना पड़ा था। ऐसे में बड़े आदिवासी सम्मेलन के बाद बीजेपी अब संत रविदास मंदिर निर्माण के लिए प्रदेशभर में समरसता यात्रा निकाल रही है। जो प्रदेश के 46 जिलों से निकाली जाएगी। खास बात यह है कि इस आयोजन को बीजेपी ने बड़े प्लान में तब्दील कर दिया है। खुद सीएम शिवराज इस यात्रा का शुंभारभ कर रहे हैं।
पांच दिग्गज करेंगे यात्रा की शुरुआत
- सीएम शिवराज सिंह चौहान विंध्य अंचल के सिंगरौली से यात्रा की शुरुआत करेंगे।
- केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर चंबल अंचल के श्योपुर से यात्रा की शुरुआत करेंगे।
- कैलाश विजयवर्गीय धार जिले के मांडू से यात्रा की शुरुआत करेंगे।
- कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह महाकौशल के बालाघाट जिले से यात्रा की शुरुआत करेंगे।
- बीजेपी SC मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य नीमच से यात्रा की शुरुआत करेंगे।
पीएम मोदी करेंगे यात्रा का समापन
खास बात यह है कि इस यात्रा का समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को सागर जिले में करेंगे। जहां संत रविदास मंदिर का निर्माण किया जाना है। 12 अगस्त को बीजेपी का बड़ा आयोजन होगा। जिसमें प्रदेशभर से दलित वर्ग को बुलाने की तैयारी है। बीजेपी की यह यात्राएं 18 दिनों तक प्रदेश के 46 जिलों में भ्रमण करेंगी, जिसमें यात्रा के दौरान प्रदेश के 55 हजार गांव से एक मुट्ठी मिट्टी भी लाई जाएगी जो मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होगी।
प्रदेश में 17 फीसदी दलित वोटर्स
बीजेपी के इस मेगा प्लान को इस बात से समझा जा सकता है कि मध्य प्रदेश में दलित वोटर्स की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत हैं। ऐसे में इस वर्ग को साथ लिए बिना मिशन-2023 को फतह नहीं किया जा सकता। बीजेपी में दलित वर्ग के ऐसे कई नेता हैं जो राष्ट्रीय राजनीति में भी अपना दखल रखते हैं। टीकमगढ़ से बीजेपी के सांसद वीरेंद्र खटीक मोदी सरकार में मंत्री हैं, तो लालसिंह आर्य बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। जबकि सत्यनारायण जटिया बीजेपी संसदीय बोर्ड में शामिल हैं। इसके अलावा शिवराज सरकार में भी इस वर्ग को अच्छा खासा प्रतिनिधित्व मिला है।
2018 में बिगड़ गया था बीजेपी का खेल
दरअसल, 2018 के विधानसभा चुनाव में यह वर्ग बीजेपी से छिटकता नजर आया था। जिससे पार्टी को सत्ता से बाहर होना पड़ा था। क्योंकि प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 35 सीटों में से 18 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी को 17 सीटें मिली थी, यानि मामला पूरी तरह से बराबरी पर पहुंच गया था। बीजेपी अपने इसी गेप को भरने की कोशिश में जुटी है।
गेमचेंजर यह वोट बैंक
मध्य प्रदेश में दलित वोट बैंक गेमचेंजर माना जाता है। 17 फीसदी वोटर्स वाला इस वर्ग के 80 लाख से भी ज्यादा मतदाता हैं। जो चुनाव में गेमचेंजर की भूमिका में रहते हैं। इस वर्ग के लिए प्रदेश की 35 सीटें तो आरक्षित है ही। जबकि यह 230 में से 84 सीटों पर प्रभावी भूमिका में रहता है और हार जीत तय करता है। ऐसे में बीजेपी इस वोट बैंक पर सबसे ज्यादा फोकस बना रही है।