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चुनावी साल में BJP ने बुंदेलखंड पर बढ़ाया फोकस, 22 प्रतिशत वोटबैंक पर नजर, जो बन सकता है गेम चेंजर

MP Assembly Election: मिशन 2023 के बीच मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में समरसता के महान संत रविदासजी का का भव्य मंदिर आकार लेने जा रहा है, क्योंकि साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी हर वर्ग को साधने में जुटी है। 100 करोड़ से अधिक राशि से बनने वाले इस मंदिर […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Jul 24, 2023 15:01
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MP Assembly Election: मिशन 2023 के बीच मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में समरसता के महान संत रविदासजी का का भव्य मंदिर आकार लेने जा रहा है, क्योंकि साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी हर वर्ग को साधने में जुटी है।

100 करोड़ से अधिक राशि से बनने वाले इस मंदिर की आधारशिला रखने के लिए बीजेपी बुंदेलखंड में अब तक का सबसे बड़ा सियासी प्रदर्शन भी करने जा रही है। जहां 12 अगस्त को पीएम मोदी मंदिर का भूमिपूजन करेंगे तो दूसरी और प्रदेशभर के अनुसूचित जाति वर्ग के लाखों लोगों का सागर में समागम होगा। जो बीजेपी का बड़ा दांव माना जा रहा है।

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बुंदेलखंड का सियासी समीकरण

बुंदेलखंड अंचल के 6 जिलों में 26 विधानसभा सीटें आती हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 15, कांग्रेस ने 9 और सपा-बसपा ने 1-1 सीट जीती थी। जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 22 तो कांग्रेस ने 4 सीटें ही जीती थीं।

इस तरह 2018 में कांग्रेस को 5 सीटों पर बढ़त मिली थी, लेकिन फिर भी वह बीजेपी से पीछे रही थी। बात अगर अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित सीटों की जाए तो 6 सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित हैं। जिनमें से 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि एक सीट कांग्रेस के पास है।

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बुंदेलखंड में एसी के लिए आरक्षित सीटें

  • सागर जिले की नरयावली और बीना विधानसभा सीट
  • टीकमगढ़ जिले की जतारा विधानसभा सीट
  • पन्ना जिले की गुनौर विधानसभा सीट
  • छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा सीट
  • दमोह जिले की हटा विधानसभा सीट

22 प्रतिशत वोट बैंक पर बीजेपी की नजर

दरअसल, बुंदेलखंड अंचल में अनुसूचित जाति का वोटर अहम भूमिका निभाता है। अंचल में 22 प्रतिशत वोट बैंक होने के चलते यह गेम चेंजर की भूमिका में रहता है। यही वजह है कि बीजेपी इस वोट बैंक को साधकर मिशन 2023 के चुनाव में बढ़त लेने की कोशिश में है। खास बात यह है कि एससी वर्ग के लिए भले ही 6 सीटें आरक्षित हैं, लेकिन यह वोटबैंक 15 सीटों पर अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में अगर बुंदेलखंड की आरक्षित सीटों पर बीजेपी बढ़त बनाने में कामयाब हो जाती है तो मिशन 2023 के लिए पार्टी की राह आसान हो सकती है।

एमपी में अनुसूचित जाति वर्ग की अहमियत

मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग को सियासी चश्मे से देखा जाए तो प्रदेश में करीब 80 लाख दलित वोटर्स हैं। अनुपात में इनका प्रतिशत लगभग 17.7 है और 230 में से 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में बीजेपी समरसता अभियान के जरिए बीजेपी इस वर्ग पर पूरा फोकस बना रही है।

दरअसल, सागर में संत रविदास मंदिर और समरसता कुंभ के जरिए बीजेपी पूरे प्रदेश के एससी वोटर्स पर अपना फोकस बनाने की कोशिश में जुटी है। यही वजह है कि पीएम मोदी खुद 12 अगस्त को इस मंदिर की आधारशिला रखने आ रहे हैं।

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Arpit Pandey

First published on: Jul 24, 2023 03:01 PM

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