Ramniwas Rawat By Election: महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के साथ ही कई राज्यों में उपचुनाव के नतीजे भी घोषित हो गए हैं। मध्य प्रदेश में बुधनी और विजयपुर विधानसभा हाई प्रोफाइल सीटों के भी परिणाम आ गए हैं। खास बात यह है कि भाजपा सरकार में वन मंत्री रामनिवास रावत श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट हार गए हैं। उनकी इस हार ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। यहां तक कहा जा रहा है कि दिग्गज नेता का भविष्य अधर में लटक सकता है। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने करीब 7 हजार वोटों से हराया।
बीजेपी के लिए बड़ा झटका
ये हार बीजेपी, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव के लिए बड़ा झटका है। दरअसल, वीडी शर्मा मूलत: चंबल क्षेत्र मुरैना के रहने वाले हैं। जबकि नरेंद्र सिंह तोमर भी मुरैना के विधायक हैं। वह श्योपुर से सांसद भी रह चुके हैं। सीएम के लिए ये हार इसलिए धर्मसंकट वाली होगी क्योंकि उन्हें अपने मंत्री से इस्तीफा लेना होगा क्योंकि कोई भी व्यक्ति विधायक या सांसद बने बिना 6 महीने तक मंत्री रह सकता है। इसके बाद उसे चुनाव जीतना होता है।
अच्छे खासे नेता @rawat_ramniwas
का राजनीतिक करियर चौपट कर दिया .. ग्वालियर चंबल संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया को नजरअंदाज करना सत्ता से विमुख होने के समान है।@JM_Scindia @CMMadhyaPradesh@Officejmscindia @BJP4MP pic.twitter.com/clYE3YuU2c— Vikas Dixit © (@Vikas_aajtak) November 23, 2024
---विज्ञापन---
इस तरह अधर में लटका भविष्य
रामनिवास रावत की हार के बाद उनका राजनीतिक भविष्य अधर में लटक गया है। वे ना इधर के रहे और ना उधर के। दरअसल, उन्होंने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी का दामन थामा था। दलबदल की वजह से उन्हें विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ा। कुछ ही समय बाद ही उन्हें बिना विधायक बने ही एमपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। अब चुनाव हारने की वजह से उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।
ये भी पढ़ें: MP By Election Result 2024: बीजेपी के गढ़ में कांग्रेस का ‘उलटफेर’, विजयपुर में ‘जीता’ हुआ चुनाव क्यों हारी भाजपा?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी
खास बात यह है कि रामनिवास रावत कांग्रेस के 6 बार विधायक और मंत्री रह चुके हैं। वह प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद की भूमिका में भी रहे। उनकी गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में रही। साल 2023 में वे कांग्रेस के टिकट पर ही इसी सीट से चुनाव जीतकर आए थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के बीच अचानक उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़ने का फैसला लिया। उनका ये फैसला इसलिए भी चौंकाने वाला था क्योंकि जिस दिन उन्होंने पार्टी छोड़ी, उसी दिन राहुल गांधी चंबल क्षेत्र में आमसभा करने गए थे। खास बात तो यह भी है कि रामनिवास रावत को ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता था, लेकिन जब सिंधिया बीजेपी में गए तब भी रामनिवास रावत कांग्रेस के साथ खड़े रहे।
ये भी पढ़ें: Madhya Pradesh: 9वीं कक्षा की किताब में साधु-संतों को बताया ‘ढोंगी’, VHP ने जताया ऐतराज