विपिन श्रीवास्तव की रिपोर्ट
MP Anthem : मध्य प्रदेश की जल जंगल जमीन और गौरवशाली इतिहास को बताने वाला राज्य गान प्रदेश के मुखिया मोहन यादव के एक बयान के चलते चर्चा में आ गया है। भोपाल के रविंद्र भवन में गुरुवार को एमपी स्टेट सिविल सर्विसेज में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने के कार्यक्रम में पहुंचे सीएम मोहन यादव ने शिवराज की परंपरा को बदल दी। उन्होंने इशारों से मंच पर बोल रही उद्घोषिका को कहा कि मध्य प्रदेश गान के लिए किसी को खड़े होने की जरूरत नहीं है। लोग अपनी जगह पर बैठे रहें।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की तरह ही मध्य प्रदेश गान के दौरान लोगों को खड़े होने की जरूरत नहीं है। ऐसे तो भविष्य में कोई भी विश्वविद्यालय, कॉलेज या संस्थान अपना-अपना गण (गान) बनाकर कहेगा कि राष्ट्रगान की तरह इसे भी सम्मान देना चाहिए, जोकि ठीक नहीं है। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के बराबर किसी अन्य चीज को सम्मान नहीं दे सकते हैं।
यह भी पढ़ें : पूर्व CM शिवराज सिंह का एक और बयान सोशल मीडिया पर वायरल
शिवराज सिंह ने राष्ट्रगान की तरह राज्य गान को सम्मान देने की बात कही थी
सीएम मोहन यादव ने कहा कि हो सकता है कि पुरानी परंपरा तोड़ने से आपको अटपटा लगे। अगर पुरानी चीजों में बदलाव की आवश्यकता है तो हम उसे जरूर बदलेंगे। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर ऐलान किया था कि राष्ट्रगान की तरह मध्य प्रदेश गान को भी सम्मान दिया जाएगा। पूर्व सीएम के फैसले को बदलने पर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि एक ही पार्टी की सरकार के बावजूद ऐसा लग रहा है जैसे विपरीत राजनीतिक विचारधारा अब पुरानी सत्ता के अंश का भी आधार हिलाना चाहती है। वहीं, कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने कहा कि मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और वर्तमान सीएम के बीच में युद्ध चल रहा है। दोनों में एक-दूसरे को छोटा दिखाने की कोशिश चल रही है। उद्देश्य साफ है कि कैसे शिवराज की राजनीति को खत्म किया जाए।
Edited By