CM Mohan Yadav Big Announcement on Janmashtami: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव इस समय प्रदेश में अलग-अलग जगह आयोजित जन्माष्टमी के कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इसी तहत सीएम मोहन यादव आज इंदौर में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर आयोजित ‘हर बालक कृष्ण-हर मां यशोदा’ कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां सीएम मोहन यादव ने संबोधन के दौरान घोषण की कि प्रदेश के सभी विकासखण्डों में एक गांव को चुनकर उसे ‘बरसाना गांव’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन गांवों के जरिए भगवान श्रीकृष्ण के आदर्शों और सिद्धांतों का प्रसार किया जाएगा। साथ ही जन-जन तक उनकी शिक्षा पहुंचाई जाएगी।
🪈नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की… 🪈
---विज्ञापन---मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के दशहरा मैदान में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में बालकृष्ण के रूप में पधारे बालकों पर पुष्प वर्षा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दही हांडी फोड़ कार्यक्रम के पहले बालकृष्ण को माखन खिलाया। इस अवसर… pic.twitter.com/cA8uoQinrG
---विज्ञापन---— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) August 25, 2024
बरसाना गांव की खासियत
अपने संबोधन में सीएम मोहन यादव ने कहा कि बरसाना गांव में जहां एक तरफ प्राचीन संस्कृति को पुष्पित और पल्लवित किया जाएगा। इसी के साथ दूसरी तरफ इन ‘बरसाना गांव’ में जैविक खेती और दुध उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा इन गांवों में विकास की नई दिशा तय की जाएगी, जिसमें ग्रामीणों में मानवता, सामाजिक, सांस्कृतिक एकता के जन जागरण का प्रसार किया जाएगा। इससे एक ऐसा समाज तैयार किया होगा, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के आदर्श और सिद्धांत दिखाई देगा। इसी के साथ सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के हर एक नगरीय निकाय में गीता भवन केन्द्र स्थापना की जाएंगी।
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कार्यक्रम में 5 हजार से अधिक बाल-गोपाल शामिल
इंदौर के ‘हर बालक कृष्ण-हर मां यशोदा’ कार्यक्रम में 5 हजार से अधिक बच्चे बाल-गोपाल और माताएं मैया यशोदा के रूप में मौजूद रही। कार्यक्रम स्थल को भगवान श्रीकृष्ण की अलग-अलग लीलाओं की पेंटिंग से सजाया गया। इस दौरान सीएम की भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और प्रसंगों के बारे में विस्तार से बताया। सीएम मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र से हमे सीख लेनी चाहिए और आदर्शों और सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने प्रकृति से प्रेम करना सिखाया है। ग्रामीण संस्कृति को बढ़ावा दिया है। माखन, दूध, दही को स्वास्थ्य रक्षक के रूप में प्रतिष्ठित किया है।