Third party will spoil the game in MP Election(शब्बीर अहमद): मध्य प्रदेश में बीते बुधवार को चुनाव प्रचार थम गया है, शुक्रवार को प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है। बता दें कि इस चुनावी रण में 2533 प्रत्याशी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। आज हम बात करेंगे राज्य की उन विधानसभा सीटों की जहां पर तीसरा दल, भाजपा और कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकता है।
चित्रकूट- भाजपा से बगावत कर बसपा का दामन थामने वाले सुभाष शर्मा चित्रकूट विधानसभा सीट से मैदान में हैं। वह सुरेन्द्र सिंह गहरवार को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज थे। बता दें कि सुभाष, भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी थे, बसपा ने चौथी सूची में उनको जगह दी है। भाजपा के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं इस विधानसभा से कांग्रेस विधायक स्वर्गीय प्रेम सिंह के दामाद और कांग्रेस के बागी समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार संजय सिंह भी इस मैदान में हैं। माना जा रहा है कि इन दो उम्मीदवारों की वजह से भाजपा और कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है।
नागौद- सतना की नागौद सीट से पूर्व कांग्रेस विधायक यादवेन्द्र सिंह को बसपा से उम्मीदवार बनाया गया है।यादवेन्द्र सिंह कांग्रेस से विधायक रहे हैं, पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वह बसपा में शामिल हो गए, इससे मामला त्रिकोणीय माना जा रहा है।
रैगांव- यहां पर बसपा उम्मीदवार देवराज अहिरवार बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
सतना- वहीं भाजपा से बगावत कर बसपा के उम्मीदवार बने रत्नाकर चतुर्वेदी भी यहां पर चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं।
सिरमोर- मध्यप्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी बीडी पांडेय सिरमौर सीट से बसपा के उम्मीदवार ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाया है।
देवतालाब सीट- इस विधानसभा सीट पर स्पीकर गिरीश गौतम अपने ही भतीजे और कांग्रेस उम्मीदवार पद्मेश गौतम का सामना कर रहे हैं। ब्राह्मण वोटों के विभाजन से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार जयवीर सिंह सेंगर को फायदा मिल सकता है। बता दें कि सेंगर की पत्नी सीमा बसपा उम्मीदवार के रूप में 2018 में गिरीश गौतम से 1000 वोटो के मामूली अंतर से हार गई थी।
नर्मदापुरम- बीजेपी के बागी भगवती चौरे ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना रखा है,यहां से कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार दोनों सगे भाई मैदान में हैं।
चतुष्कोणीय मुकाबला
सिंगरौली- इस सीट पर भाजपा के बागी चंद्र प्रताप विश्वकर्मा बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव रोचक बना दिया है। यहां भाजपा के अलावा दो महिला उम्मीदवार रेनू शाह( पूर्व मेयर और कांग्रेस उम्मीदवार) और सिंगरौली मेयर और आप की प्रदेशाध्यक्ष रानी अग्रवाल भी मैदान में हैं।
निवाड़ी- समाजवादी पार्टी मीरा यादव मुकाबले में यहां त्रिकोणीय संघर्ष,सामने बीजेपी और कांग्रेस
भिंड़- भिंड से भाजपा विधायक संजू कुशवाह की बसपा में वापसी हो गई है।
मुरैना- यहां पर पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे बीजेपी-कांग्रेस की मुश्किल बढ़ाते हुए दिख रहे हैं, यहां उनके बेटे राकेश रुस्तम सिंह बसपा से मैदान में हैं।
अटेर-सीधी – बीजेपी के पूर्व विधायक केदार शुक्ला निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं, जिससे बीजेपी का खेल बिगड़ता दिख रहा है।
टीकमगढ़- वहीं यहां से पूर्व विधायक केके श्रीवास्तव चुनाव मैदान में हैं, केके ने चुनाव को त्रिकोणीय बनाया हुआ है।
जतारा- यहां पर समाजवादी पार्टी से आर आर बंसल और ‘आप’ से प्रभुदयाल खटीक चुनावी मैदान में हैं, जिससे चुनाव चतुष्कोणीय बन गया है।
बुरहानपुर – बुरहानपुर में भी चतुष्कोणीय मुकाबला बना हुआ है, बीजेपी के बागी हर्ष सिंह चौहान AIMIM ने चुनावी खेल बिगाड़ दिया है।
सुमावली- इस विधानसभा सीट से बसपा के कुलदीप सिकरवार ने मुकाबले को रोचक बनाया है।
दीमनी- बसपा के उम्मीदवार बलवीर दंडोतिया ने मुकाबले को कड़ा कर दिया है।
गोटेगांव- निर्दलीय उम्मीदवार शेखर चौधरी पार्टी ने इनके टिकट कांग्रेस पार्टी ने पहले दिया था फिर टिकट काट दिया, जिससे मुकाबला और रोचक हो गया।
जावरा- निर्दलीय जीवन सिंह शेरपुर को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है, ये भी चुनाव के समीकरण बिगड़ सकते हैं।
जौरा- पूर्व विधायक सोनेराम कुशवाह बसपा से उम्मीदवार हैं, जिनकी वजह से चतुष्कोणीय मुकाबला बना हुआ है।
सबलगढ़- बसपा से सोनेराम धाकड़, बीजेपी और कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ रहे हैं।
चंदला-चाचौड़ा – ममता मीणा जो 2013 में यहां से ‘आप’ से विधायक रही हैं, खेल बिगाड़ सकती हैं।
बंडा- यहां से आप से सुधीर यादव पूर्व सागर सांसद के बेटे मैदान में हैं।
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निर्दलीय भी कम नहीं
भोपाल उत्तर- यहां से भतीजे आतिफ अकील के सामने आमिर अकील मैदान में हैं। ये कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ रहे हैं।
आलोट- पूर्व विधायक प्रेमचंद गुड्डू निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, इन्होंने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा हुआ है।
महू- कांग्रेस के पूर्व विधायक अंतर सिहं दरबार निर्दलीय उम्मीदवार यहां से कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
जावद- यहां से मंत्री ओमप्रकाश, भाजपा के नेता रहे पूरनमल अहीर सकलेचा का खेल बिगाड़ रहे हैं।
धार- यहां पर भी चतुष्कोणीय मुकाबला बना हुआ है। पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा से बागी राजीव यादव पार्टी के खिलाफ मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस से बागी कुलदीप सिंह बुंदेला निर्दलीय मैदान में उतरे हैं।