MP Agriculture Department Issued Appeal For Farmers: देश में जलवायु परिवर्तन के कारण के राज्यों के कई हिस्सों में भूजल स्तर काफी नीचे गिर गया है। जलवायु परिवर्तन की वजह से किसानों को धान की खेती करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में मध्य प्रदेश के कृषि विभाग और प्रशासन ने एक अपील जारी की है। इस अपील में विभाग और प्रशासन ने ग्वालियर और उसके आसपास के कुछ जिलों के किसानों के गर्मी के मौसम में धान की फसल न लगाने के लिए कहा है। विभाग ने यह अपील लेटर इन क्षेत्रों में पानी की बढ़ती खपत और गिरते भूजल स्तर को लेकर जारी किया है।
किसान कल्याण के लिए संकल्पित मध्यप्रदेश सरकार
किसानों को मिल रहा आर्थिक बल
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वर्ष 𝟐𝟎𝟐𝟒-𝟐𝟓 में गेंहू उपार्जन पर मध्यप्रदेश सरकार देगी ₹𝟏𝟐𝟓 प्रति क्विंटल बोनस गेहूं का समर्थन मूल्य ₹𝟐𝟐𝟕𝟓 प्रति क्विंटल#JansamparkMP pic.twitter.com/InKYU1bsxF---विज्ञापन---— Agriculture Department, MP (@minmpkrishi) March 16, 2024
किसानों से प्रशासन की अपील
इस अपील लेटर के जरिए कहा गया है कि पानी की कमी को देखते हुए किसानों से अनुरोध है कि वे इस सीजन में धान की फसल न लगाएं। उसकी जगह पर किसान मूंग और तिली की बोवनी कर सकते हैं। कृषि विभाग ने बताया कि 1000 हेक्टेयर में धान के लिए करीब 2 अरब 50 करोड़ लीटर पानी की खपत होती है। वहीं इस पानी से एक दिन में 83 करोड़ लोगों की प्यास को बुझाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि ग्वालियर अंचल में आधा दर्जन से ज्यादा इलाके ऐसे हैं जहां गर्मी के मौसम में ही धान की खेती शुरू हो जाती है।
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कृषि विभाग की किसानों को सलाह
कृषि विभाग ने बताया कि अकेले ग्वालियर जिले में ही 10 हजार से अधिक हेक्टेयर खेत पर किसान धान की खेती करते हैं। इसके लिए किसान पानी की आपूर्ति के लिए खेत में ट्यूबवेल का उपयोग करते हैं। इसकी वजह से भू जलस्तर में तेजी से गिरावट होती है। पिछले कई सालों से इसी क्रम में खेती की जा रही है और भू-जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। इसलिए कृषि विभाग ने किसानों को सुझाव देते हुए यह अपील जारी की है, जिसमें विभाग ने किसानों को उन फसलों की खेती करने को कहा है जिससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़े और जल की आवश्यकता कम पड़े।