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खुशखबरी: कूनो में जल्द होगा पर्यटकों को चीतों का दीदार, 180 हेक्टेयर में बनेगी सफारी

Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को आए हुए जल्द ही एक साल का वक्त पूरा हो जाएगा। लेकिन अब तक चीतों का दीदार आम लोगों को नहीं हो सका है। लेकिन अब चीतों की दीदार करने के इंतजार में बैठे पर्यटकों के लिए जल्द […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Aug 20, 2023 12:41
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kuno cheetah project

Kuno National Park: मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से चीतों को आए हुए जल्द ही एक साल का वक्त पूरा हो जाएगा। लेकिन अब तक चीतों का दीदार आम लोगों को नहीं हो सका है। लेकिन अब चीतों की दीदार करने के इंतजार में बैठे पर्यटकों के लिए जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिलने वाली है। क्योंकि अब पर्यटकों को कूनो में चीतों के दीदार का रास्ता साफ होने वाला है।

कूनो में तैयार होगी सफारी

दरअसल, कूनो नेशनल पार्क में जल्द ही जंगल सफारी तैयार करने का काम शुरू हो सकता है। इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव तैयार करके नेशनल जू ऑथिरिटी ऑफ इंडिया को भेजा गया है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलते ही कूनो पार्क में सफारी बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके बाद पर्यटक सफारी का लुफ्त तो उठाएंगे ही, साथ ही कूनो के जंगल और चीतों का दीदार भी बेहद नजदीक से कर सकेंगे।

180 हेक्टेयर में बनेगी सफारी

बताया गया है कि कूनो नेशनल पार्क के सेसईपुरा कस्बे के पास 180 हेक्टेयर जमीन पर सफारी बनाई जाएी। जो देश की सबसे बड़ी चीता सफारी होगी। खास बात यह है कि नदी पर बनाई जाने वाली यह सफारी बेहद आकर्षक होगी। सफारी के शुरू हो जाने के बाद इस पिछड़े हुए सेसईपुरा क्षेत्र का डेवलपमेंट भी तेजी से होने की उम्मीद है। क्योंकि क्षेत्र में पर्यटक आने से यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगाष

जंगल सफारी के लिए अधिकारियों ने जमीन का चयन भी कर लिया है। अब उक्त जमीन को पर्यटक विभाग के हैंड ओवर करने की तैयारी भी की जा रही है। क्योंकि, अब जल्द ही नेशनल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया से चीता सफारी प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल सकती है, इस बारे में कूनों नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा का कहना है कि, शासन स्तर से नेशनल जू अथॉरिटी को प्रस्ताव भेजा गया है, अनुमति मिलने के बाद आगे का कार्य शुरू होगा।

चीते बाड़े में मौजूद

हालांकि सभी चीतों को फिलहाल बड़े बाड़े में रखा गया है। क्योंकि अब तक कई चीतों की मौत हो चुकी है। ऐसे में सभी चीतों को खुले जंगल में रखने की बजाए बाड़े में रखा गया है। अब बरसात के बाद ही चीतों को बाड़े से जंगल में शिफ्ट किया जा सकता है।

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First published on: Aug 20, 2023 12:41 PM

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